सरेआम गंभीर मरीजों की जिंदगी से मौत का खिलवाड़,कोरोना से भर्ती होने वाले मरीजों में दहशत

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सरेआम गंभीर मरीजों की जिंदगी से मौत का खिलवाड़,कोरोना से भर्ती होने वाले मरीजों में दहशत


सरेआम गंभीर मरीजों की जिंदगी से मौत का खिलवाड़,कोरोना से भर्ती होने वाले मरीजों में दहशत


 

(✍️आर.बी.सिंह, राज)सीधी।

जिला अस्पताल में गंभीर मरीजों के उपचार की समुचित व्यवस्थाएं न होने के कारण मौतों का सिलसिला थमता नजर नहीं आ रहा है। वर्तमान में सबसे ज्यादा खराब स्थिति कोविड-19 एवं आईसीयू वार्ड की है। यहां भर्ती होने वाले मरीजों को आपात कालीन चिकित्सा की हर समय आवश्यकता बनी रहती है। बावजूद इसके यहां के लिए नियमित रूप से डॉक्टर के बैठने की कोई व्यवस्था नहीं बनाई गयी है। कागजों में भले ही डॉक्टरों की ड्यूटी लग रही है लेकिन मरीजों की हालत बिगड़ते ही उन्हें फौरीतौर पर उपचार की सही व्यवस्था नहीं मिल पाती। ड्यूटी में मौजूद स्टाफ नर्स द्वारा जिस डॉक्टर की ड्यूटी इन वार्डों में लगती है उन्हें मोबाईल पर सूचना दे दी जाती हैं। सूचना पानें के बाद भी संबंधित डॉक्टर घंटों मरीज को देखने नहीं आते। जिसके चलते उसकी हालत लगातार नाजुक होती जाती है। बाद में डॉक्टर पहुंचे भी तो उनके द्वारा मरीज की हालत में सुधार के लिए कोई प्रयास किए बिना ही मेडिकल कॉलेज अस्पताल रीवा के लिए रेफर कर अपने हांथ खड़े कर लिए जाते हैं। जबकि मरीज की हालत गंभीर होने पर जिला अस्पताल के कोविड एवं आईसीयू वार्ड में भर्ती मरीज की जान बचाने के लिए सिविल सर्जन एवं अन्य डॉक्टरों को भी तत्परता पूर्वक पहुंचना चाहिए। मरीजों की आपातकालीन चिकित्सा के लिए शासन की ओर से कई महंगे चिकित्सा उपकरण जिला अस्पताल को उपलब्ध कराए गए हैं। जिनका उपयोग यहां के डॉक्टर कभी नहीं करते। उनके द्वारा मरीज को दूर से ही देखकर उसके गंभीर होनें की जानकारी देकर रेफर कर दिया जाता है। ऐसे में सवाल उठता है कि जिला अस्पताल में दो दर्जन से ज्यादा डॉक्टरों एवं दो दर्जन से ज्यादा स्टाफ नर्स के साथ ही काफी संख्या में अन्य चिकित्सा अमला की पदस्थापना क्यों की गयी है ? जिला अस्पताल में पदस्थ डॉक्टरों के साथ ही अन्य स्वास्थ्य कर्मचारी भी केवल उपस्थिति रजिस्टर में हस्ताक्षर करनें में ही अपनी ड्यूटी बजा रहे हैं। 
जिला अस्पताल के डॉक्टरों को सुबह 8 बजे पहुंचनें पर वार्ड में भर्ती मरीजों को देखनें के बाद आउटडोर में बैठना चाहिए। देखा यह जाता है कि सुबह 10 बजे के बाद ही डॉक्टर वार्डों में पहुंचते हैं। वहां औपचारिक रूप से जल्दी-जल्दी मरीजों को देखनें के बाद करीब आधे घंटे के लिए आउटडोर में बैठते हैं। जिससे मरीज को देखनें का नंबर ही नहीं लग पाता।

कोरोना मरीजों के मौत का बढ़ रहा आंकड़ा:-

जिला अस्पताल के कोविड-19 सेंटर में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। रविवार की शाम तक भर्ती मरीजों का आंकड़ा 246 था। वहीं कोरोना से अभी तक 5 लोगों की मौत भी हो चुकी है। इस सप्ताह मंगलवार की रात जहां शहर के युवा व्यवसायी की कोरोना से मौत हुई। वहीं शनिवार को शहर के कोतर कला  निवासी 27 वर्षीय युवती एवं सम्राट चौक के निवासी 24 वर्षीय युवक की मौत हुई। कोतर कला निवासी युवती को कोरोना संक्रमण के गंभीर होनें पर रीवा ले जाया गया था। अस्पताल पहुंचनें से पूर्व ही उसनें दम तोड़ दिया। सम्राट चौक निवासी युवक को रीवा अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उपचार के दौरान उसकी मौत हो गयी। जिले में हर रोज थोक के भाव में कोरोना के संक्रमित मरीज मिल रहे हैं। 
रविवार की शाम तक कोरोना संक्रमितों का कुल आंकड़ा 796 तक पहुंच गया। यह आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। कोरोना का जिस तरह का विस्फोट हो रहा है उसका हॉटस्पॉट जिला मुख्यालय एवं समीपी ग्रामीण क्षेत्र ही बने हुए हैं। जिला मुख्यालय में आने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में भी कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है।

फोन नहीं उठाना सिविल सर्जन की आदत में शुमार:-

जिला स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी सीएमएचओ एवं जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. डी.के. द्विवेदी से जब कोविड-19 सेंटर, आईसीयू में भर्ती गंभीर मरीजों के उपचार में चल रही लापरवाही के संबंध में उनका पक्ष जाननें का प्रयास किया गया तो कई बार कॉल करनें के बाद भी तीसरे दिन भी आज उनके द्वारा कॉल रिसीव करना जरूरी नहीं समझा गया। यदि प्रभारी सीएमएचओ के पास मीडिया का कॉल रिसीव करनें का समय नहीं है तो आम लोगों का फोन कॉल वह कैसे रिसीव कर सकते हैं। ऐसे में उनकी खुली स्वेच्छाचारिता सामने आ रही है।

इनका कहना है👇

मीडिया की शासन की योजना एवं प्रशासन द्वारा किए जा रहे क्रियान्वयन की जानकारी जनता तक पहुंचानें में महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। प्रदेश के संवेदनशील मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी प्रदेश की जनता के हित और कोरोना काल में हर व्यक्ति के स्वास्थ्य के प्रति चिंतित रहते हैं। ऐसे में किसी भी विभाग के प्रमुख यदि मीडिया से संवाद में परहेज रखते हैं तो उचित नहीं है। गत दिनों कोरोना से शहर के युवा व्यवसायी की मृत्यु के कारणों की जांच के लिए मेरी कलेक्टर से बात होनें के बाद तत्काल जांच कमेंटी गठित की गयी है। जो दोषी होगा उसपर सख्त कार्रवाई की जाएगी। हमारी सरकार वीआईपी हो या आम आदमी सभी को बेहतर स्वास्थ्य सेवा देनें प्रयासरत है।

*इंद्रशरण सिंह
*जिलाध्यक्ष, भाजपा सीधी

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