कोरोना के बाद टूटा सिविल सर्जन का कहर, 6 महीने से कर्मचारियों को नहीं मिला वेतन,कलेक्टर से लगाई गुहार

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कोरोना के बाद टूटा सिविल सर्जन का कहर, 6 महीने से कर्मचारियों को नहीं मिला वेतन,कलेक्टर से लगाई गुहार



कोरोना के बाद टूटा सिविल सर्जन का कहर, 6 महीने से कर्मचारियों को नहीं मिला वेतन,कलेक्टर से लगाई गुहार


कलेक्टर ने दिए आदेश, 3 दिवस के अंदर मिलेगा वेतन


सीधी।
जिला चिकित्सालय में सेवा दे रहे सेडमैप के 12 कर्मचारियों को 6 महीने से वेतन नहीं मिलने पर घर चलाना मुश्किल हो गया है। सभी कर्मचारियों ने कलेक्टर रवींद्र चौधरी से गुहार लगाई है, जहां कलेक्टर ने 3 दिवस के अंदर वेतन भुगतान करने के आदेश दिए हैं।

ये है पूरा मामला:-

एक तरफ राज्य हो या केंद्र सरकार गवर्नमेंट से लेकर प्राइवेट संस्थाओं को कोरोना संक्रमण के दौरान किसी भी कर्मचारी का पेमेंट नहीं काटने का आदेश दिया है लेकिन ये नियम सीधी के जिला चिकित्सालय में काम कर रहे कर्मचारियों के ऊपर लागू नहीं हो पा रहा है। कारण ये कि सिविल सर्जन के तानाशाह रवैये के कारण जिला चिकित्सालय में आए दिन मनमानी की जाती है सिविल सर्जन का तानाशाही  रवैया इन कर्मचारियों पर कहर बनकर टूटा है।
 जिला चिकित्सालय में रेगुलर सेवा दे रहे सेडमैप के 12 कर्मचारियों का 6 महीने से पेमेंट भुगतान नहीं हुआ है। कलेक्टर को दिए शिकायत के अनुसार बताया गया कि कोरोना काल में दिन-रात सेवा देने के बावजूद भी कई बार सिविल सर्जन डॉ डी.के. द्विवेदी को पेमेंट करने को लेकर शिकायती पत्र दिया गया जहां सिविल सर्जन से बात करने पर प्राइवेट संस्था बताकर पेमेंट देने से टालमटोल की जाती है। वहीं सैडमैप संस्था के द्वारा जिला चिकित्सालय में सेवा दे रहे नंदिता श्रीवास्तव, आराधना सिंह ,आकाश मिश्रा, विनोद द्विवेदी, नीता सेन ,ऋषभ श्रीवास्तव, मदन मोहन रजक ,सिंधु कुमार केवट, मनोज केवट, मोनू गुप्ता ,सुनील रावत संत कुमार साहू कर्मचारियों ने पेमेंट को लेकर कलेक्टर से गुहार लगाई थी जहां कलेक्टर ने तीन दिवस के अंदर पेमेंट देने का आदेश जारी किए हैं।


इनका कहना है

मुझे आपके द्वारा जानकारी प्राप्त हुई है ऐसा नहीं होना चाहिए, मैं पूछता हूं ऐसा क्यों हुआ है और तीन दिवस के अंदर सभी कर्मचारियों का पेमेंट हो जाएगा।

रवींद्र चौधरी
कलेक्टर सीधी

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