रैपिड एंटीजन किट जांच से जिले में तेजी से बढ़ रहा संक्रमण का ऑकड़ा,तीन दिन में मिले 41 मरीज
(✍️शिवपूजन मिश्रा )सीधी ।
जिले में अब सभी 11 फीवर क्लीनिकों में रैपिड एंटीजन किट द्वारा कोविड-19 का टेस्ट करने की शुरुआत 7 नवंबर से की गई थी। जहां 37 लोगों की कोरोना संक्रमण की जांच की गई थी। जहां 7 लोग कोरेाना पॉजिटिव पाये गए थे। वहीं दूसरे दिन 88 लोगों की जांच की गई थी जहां 16 लोग पॉजिटिव पाये गए थे। वहीं आज मंगलवार को 79 लोगों की कोरोना संक्रमण की जांच की गई जहां 18 लोग पॉजिटिव पाये गए है। कुल मिलाकर तीन दिनो के अंदर रैपिड एंटीजन किट के माध्यम से हुई जांच में 41 कोरोना के मरीज पाये गए है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि सभी 11 फीवर क्लीनिकों में रैपिड एंटीजन टेस्ट करने के लिए किट उपलब्ध कराई गई है। इस किट के माध्यम से 15 मिनट के अंदर तत्काल रिपोर्ट प्राप्त हो जाती है। शासन के निर्देशानुसार आज से जिला मुख्यालय में शुरुआत हो चुकी है तथा किट द्वारा रैपिड एंटीजन टेस्ट करने के लिए समस्त लैब टेक्नीशियनो को जो कोविड-19 कार्य में संलग्न किए गए हैं सभी को प्रशिक्षण प्रदान किया गया। वहीं जिले में अब संभावना जताई जा रही है कि लोग कोविड नियमों का पालन नही करते है तो कोरोना का संक्रमण तेजी के साथ जिले में फैल सकता है। जिले में अभी तक सिर्फ एक दिन 41 कोरोना के पॉजिटिव पाये गए तो पूरे जिले में हड़कम्प मच गया है। वहीं अब अधिकारी ये बता रहे है अगर 50 से 100 मरीज रोज पाये जायें तो कोई बड़ी बात नही होगी। वहीं सीएमएचओ डॉ बीएल मिश्रा जिले वासियों से अपील की गई है कि कोरोना वायरस से बचाव तथा संक्रमण रोकने संबंधित दिशा निर्देशों का पालन करते हुए कंटेनमेंट और होम क्वॉरेंटाइन संबंधित निर्देशों का पालन अनिवार्य रूप से करें। उन्होंने संक्रमण रोकने को लेकर अनिवार्य रूप से मास्क लगाने, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए थोड़े-थोड़े समय में साबुन अथवा सैनिटाइजर से हाथ साफ करने के साथ ही व्यापारिक प्रतिष्ठान संचालकों से कोरोना संक्रमण रोकने के प्रयास में विशेष सहयोग की अपील की है। सभी जनमानस से अपील की गई है कि यदि किसी को सर्दी,खांसी एवं बुखार संबंधित परेशानी महसूस होती है तो वह तत्काल फीवर क्लीनिक पर स्वास्थ्य परीक्षण कराने के लिए अवश्य आएं। डॉ. मिश्रा ने यह भी बताया कि राज्य स्तर से सख्त निर्देश प्राप्त हुए हैं कि करोना संक्रमण से ग्रस्त व्यक्तियों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है तथा समुदाय में वायरल लोड बढ़ा रहा है। कोरोना जांच में व्यक्ति में संक्रमण की पुष्टि होने पर संक्रमित व्यक्ति के संपर्कों में आए हुए लोगों की कई बार पहचान करना संभव नहीं हो पाता है। इसलिए यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि समुदाय द्वारा कोरोना जांच के संबंध में सामाजिक दायित्वों का पालन किया जाए तथा यदि किसी कोरोना से पुष्ट व्यक्ति के संपर्क में आने की जानकारी किसी भी नागरिक को होती है तो यह नागरिक का दायित्व है कि वह स्वयं निकटस्थ फीवर क्लीनिक में कोरोना पुष्ट व्यक्ति के संपर्क दिनांक से 5 से 10 दिन के अंदर करोना की जांच कराएं। उनके द्वारा प्रथम संपर्क की परिभाषा भी बताते हुए कहा गया कि इसमें कोरोना पॉजिटिव केस के घर के सदस्य, कोविड केस के सीधे शारीरिक संपर्क अथवा संक्रमित स्राव के सीधे संपर्क में बगैर व्यक्तिगत सुरक्षा साधनों के आया व्यक्ति कोविड केस के संपर्क में बंद वातावरण में 1 मीटर से कम दूरी में आमने सामने आया व्यक्ति शामिल किए गए हैं।
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