फर्जी वेबसाइट से 10 करोड़ की ठगी करने वालों का पर्दाफाश : मुख्य आरोपी नेहा सहित 3 आरोपी गिरफ्तार,एक फरार
भोपाल।
क्राइम ब्रांच ने ठगी करने वालों का पर्दाफाश किया है।क्राइम ब्रांच को बड़ी सफलता हाथ लगी है। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 10 फर्जी वेबसाइट बनाकर करीब 10 हजार लोगों को अपना शिकार बनाने वाले और ₹10 करोड़ से ज्यादा की ठगी करने वाली लड़की और उसके दो सहयोगी को गिरफ्तार किये है । पुलिस ने बताया उसका मंगेतर और बहन को गिरफ्तार कर लिया गया है। जबकि एक उसका दोस्त फरार हो गया है।
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मुख्य आरोपी लड़की का नाम नेहा भट्ट निवासी उत्तराखंड बताया गया है। ठगी के कारोबार में फर्जी वेबसाइट डेवलपमेंट सबसे महत्वपूर्ण था इसलिए वेबसाइट डेवलपर डेविड कुमार जाटव निवासी गाजियाबाद से सगाई कर ली थी ताकि उसकी पोल न खुल सके और ब्लैकमेलिंग ना कर सके। पुलिस का कहना है कि नेहा और उसकी बहन मनीषा भट्ट कॉल सेंटर का मैनेजमेंट देखती थी। इंटरनेट पर 0% ब्याज पर लोन उपलब्ध कराने का विज्ञापन देकर लोगों को फसाया जाता था और फिर कॉल सेंटर के माध्यम से लोंगो को फोन कर शिकार बना लिया जाता था।
पैसा ट्रांसफर होते ही वेबसाइट हो जाती बंद:-
भोपाल एडीजी ने बताया कि जनवरी 2020 में शिकायत कर्ता पद्मेश सिंह ने शिकायत की थी। उनके द्वारा बताया गया था कि दिसंबर 2019 में www.swiftfinance.in पर पर्सनल लोन का विज्ञापन देखा। फोन करने पर बहुत कम दर पर लोन दिलाने का भरोसा दिलाया गया। उसके बाद उन्होंने अलग-अलग खातों में रुपए जमा करवा लिए। रुपए पहुंचने के बाद बेवसाइट दिखना बंद हो गई।
घटना के 9 महीने बाद तीन आरोपी गिरफ्तार:-
उनकी शिकायत की जांच में सायबर क्राइम ब्रांच को 9 महीने तक कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। तब जाकर वे ठगी करने वालों के पास पहुंच सके। पुलिस ने नोएडा से डेविड कुमार जाटव उसकी मंगेतर नेहा भट्ट और उसकी बहन मनीषा भट्ट को गिरफ्तार कर लिया ।वहीं उनका एक साथी कमल कश्यप नाम का चौथा आरोपी फरार है।
बताया गया कि हर महीने बैंक खाते और सिम कार्ड बदल लेते वहीं एक वेबसाइट से सिर्फ 12 लोगों को शिकार बनाया जाता।
आरोपी इंटरनेट पर फर्जी वेबसाइट का विज्ञापन देते थे। इस पर ग्राहक लोन लेने के लिए अपनी पर्सनल जानकारी डालते थे। जानकारी के अनुसार कंपनी के कॉल सेंटर से ग्राहकों को लड़कियां कॉल करती थीं। लोगों से प्रोसेसिंग फीस, सिक्यूरिटी डिपोजिट, GST एवं वनटाइम ट्रांजेक्शन के नाम पर अलग-अलग चार्ज के लिए करीब 40 हजार रुपए ऑनलाइन जमा करवाते थे। एक वेबसाइट करीब ढाई माह ही चलाते थे। इस दौरान करीब 12 लोगों को शिकार बना लेते थे। हर महीने फर्जी बैंक खाते एवं सिम कार्ड बदल देते थे।
अब तक 10 करोड़ से ज्यादा की ठगी:-
एडीजी भोपाल उपेंद्र जैन ने बताया ने बताया कि आरोपियों को पकड़ने के लिए 9 महीने तक लगातार काम करना पड़ा। लोन के नाम पर ठगी का शिकार लोग शिकायत कर सकते हैं। आरोपियों ने नोएडा में दो कॉल सेंटर किराए पर ले रखे थे। इनका 1.50 लाख रुपया एक महीने का किराया था। इसमें 10 से 15 हजार रुपए के वेतन पर 30 लड़कियों को रखा गया था। लड़कियों को प्रत्येक ग्राहक का रिकार्ड साफ्ट कॉपी में एक्सल में नोट करना होता था। उनके पास से अब तक करीब 10 हजार लोगों का रिकॉर्ड मिला है।
जब्त किया गया सामान :-
छह लेपटॉप, 25 मोबाइल फोन, 21 पेन ड्राइव, 8 एक्टिवेटेड सिम कार्ड, 19 डेबिट कार्ड, 3 रेंट एग्रीमेंट संबंधी दस्तावेज, 3 वेबसाइट संबंधी दस्तावेज, 1 राउटर मय मोडेम मय इंटरनेट कंवेटर व एक बलेनो कार।
कर सकते हैं शिकायत:-
फर्जी वेबसाइट के माध्यम से लोगों के साथ धोखाधडी करने वाले गिरोह के विरूद्ध कार्रवाई के लिए सायबर क्राइम भोपाल पुलिस ने एसआई सुनिल रघुवंशी को नोडल अधिकारी बनाया है। कोई भी पीड़ित इससे जुड़े मामले में फोन नंबर 8602744849 पर संपर्क कर सकता है।
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