अयोध्या : राम जन्म भूमि पूजन में कहां से लाई गई मिट्टी और कहां से जल तथा लकड़ी
492 साल बाद अयोध्या जी ने अपने इतिहास का पन्ना फिर से प्लाट दिया है साल 1528 तब राम मंदिर को ढेर कर के यहां बाबरी मस्जिद बना दी गई थी आजादी के बाद लंबा मुकदमा चला 9 महीने पहले सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया झगड़े की जमीन दांबुला की हुई और कल बुधवार कि राम काज शुरू हो गया।
2000 पवित्र जगह की मिट्टी तथा 100 से ज्यादा नदियों का पानी
प्रधानमंत्री मोदी अयोध्या पहुंचते हे पूजन शुरू कर दिया पूजन में 2000 पवित्र जगहों से लाई गई मिट्टी और सबसे ज्यादा नदियों से लाया गया पानी रखा गया था 1989 में दुनिया भर से 2 लाख 75 हजार ईंटे जन्मभूमि भेजी गई थी इनमें से 9.ईंटों. को यानि शिलाओं को पूजन में रखा गया पूजन के बाद मोदी को संकल्प दिलाया गया।
बकुल की लकड़ी से बना पात्र
पूजन सामग्री में बकुल की लकड़ी से बना पात्र था जिसे शंकु कहते हैं इस लंबे से पात्र में सोना चांदी समेत नवरत्न भरे गए भूमि पूजन के लिए जमीन में जो गड्ढा किया गया उसके मूल में इसी बकुल के शंकु को रखा गया यह पूजन विधि काशीपुर पीठ के शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती जी महाराज ने बताई थी, इसी के साथ नाग - नागिन का जोड़ा चांदी की और पावन जल रखा गया 32 सेकंड के मुहूर्त में प्रधानमंत्री से पूर्णाहूति करवाई गई जो करिष्यामि के साथ पूरी हुई।
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