इलेक्ट्रानिक स्वरूप में उपलब्ध अभिलेखों की प्रमाणित प्रतिलिपि वेब पोर्टल से होगी जारी,योजना का सभी तहसील कार्यालय एवं लोकसेवा केन्द्रों में शुभारंभ
मध्य प्रदेश भू राजस्व संहिता (भू सर्वेक्षण तथा भू अभिलेख) नियम 2020 के नियम 94 एवं 105 के अधीन इलेक्ट्रानिक्स स्वरूप में उपलब्ध अभिलेखों की प्रमाणित प्रतियां को प्राधिकृत वेब पोर्टल एवं प्राधिकृत सेवा प्रदाता के माध्यम से दिनांक 04 अगस्त 2020 से जारी किया जाना है। इस कार्य में नए अभिलेख वे होंगे जिन्हें रिकार्ड रूम से स्कैन कर भूलेख पोर्टल पर अपलोड किया जा चुका है तथा आरसीएमएस पोर्टल पर उपलब्ध राजस्व प्रकरणों में पारित आदेश की प्रति होगी।
उक्त सेवा का शुभारंभ आज दिनांक 04 अगस्त 2020 को जिले के सभी तहसील कार्यालयों एवं लोक सेवा केन्द्रों से किया गया। इस सेवा के प्रारंभ होने से आमजन को पुराने अभिलेखों की प्रमाणित प्रतिलिपि तत्काल कहीं से भी ऑनलाइन प्राप्त हो सकेगी। प्राधिकरण वेब पोर्टल एमपी भूलेख पर पब्लिक यूजर पंजीकृत होकर उक्त अभिलेखों की डिजिटल हस्ताक्षर प्रतिलिपि निर्धारित शुल्क का भुगतान कर प्राप्त कर सकता है। प्राधिकृत सेवा प्रदाता यथा लोक सेवा केन्द्र, एमपी ऑनलाइन, तहसील कार्यालय में स्थित आईटी सेंटर एवं ऑनलाइन के माध्यम से उक्त अभिलेखों की प्रतिलिपि प्राप्त की जा सकती है।
राजस्व न्यायालयों में मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 या किसी अधिनियमिति के अधीन पंजीकृत किये जाने वाले मामलों में जमा की जाने वाली कोर्ट फीस, इश्तहार शुल्क एवं तलबाना आदि को समाप्त कर प्रकरण पंजीयन की फीस मात्र 100 रूपये निर्धारित की गयी है। राजस्व न्यायालयों में प्रस्तुत किये जाने हेतु आवेदन लोकसेवा केन्द्र एवं एम.पी. ऑनलाइन कियोस्क के माध्यम से भी जमा किये जाते है।
खसरा एक साला/खसरा पंचशाला/खाता जमाबंदी खतौनी/अधिकार अभिलेख/खेवट, वजिब उल अर्ज निस्तार पत्रक, ए4 साइज में नक्शे की प्रतिलिपि, नामांतरण पंजी की प्रति (ए4 आकर में) , किसी राजस्व प्रकरण में आदेश की प्रति/किसी राजस्व प्रकरण में आदेश पत्रिका की प्रति राजस्व प्रकरण पंजी की प्रति ए4 आकार में, हस्त लिखित खसरा पंचशाला (स्कैन की गई प्रति ए4 आकार में) एवं हस्त लिखित राजस्व प्रकरण पंजी स्कैन की प्रति आकार में जिसके लिए पहले पृष्ठ के लिये फीस 30 रूपये एवं पहले पृष्ठ के पश्चात 15 रूपये निर्धारित किया गया है।
बयान:- ग्राम कोचिला तहसील गोपदबनास के कृषक वंश बहादुर सिंह ने वर्ष 1984-85 के खसरे के लिए आवेदन किया था। आवेदन के बाद खसरे की त्वरित कापी मिलने पर वंश बहादुर सिंह कहते हैं कि शासन की यह एक अच्छी पहल है। इससे किसानों को बहुत सुविधा होगी। किसानों के समय, धन और ऊर्जा की बचत होगी तथा सहजता से अभिलेखों की प्रमाणित प्रतियाँ प्राप्त हो सकेगी।
0 टिप्पणियाँ