सत्ता में आएंगे तो परशुराम समेत सभी जातियों के नाम पर खोलेंगे धार्मिक और अस्पताल - मायावती
उत्तरप्रदेश।
अयोध्या राम मंदिर शिलान्यास के बाद कई पार्टियों के नेता कई तरह के हथकंडे अपनाने लगे। उत्तर प्रदेश की राजनीति अब इस तरह गरमा गई है कि समाज पार्टी के नेता ब्राम्हण समाज में सेंध लगाने के लिए अखिलेश यादव ने परशुराम की प्रतिमा लगाने की बात कही ।
वहीं अब बहुजन समाज पार्टी ने भी कमर कसी है। अयोध्या में पिछले दिनों राम मंदिर की भूमि पूजन के अवसर पर देश में उठी हिंदुत्व की लहर को भांपते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने रविवार को घोषणा की कि उनकी पार्टी की सरकार बनने पर उत्तर प्रदेश में भगवान परशुराम समेत सभी जातियों के महान संतों के नाम पर अस्पतालों का निर्माण कराया जाएगा। सुश्री मायावती ने कहा कि 2022 में उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के बाद अगर बसपा सत्ता में आती है तो कोरोना के मद्देनजर राज्य और केंद्र सरकार की कमियों को ध्यान में रखते हुए ब्राह्मण समाज के आस्था के प्रतीक परशुराम और सभी जातियों एवं धर्मो में जन्मे महान संतों के नाम पर अस्पताल और सुविधा युक्त धार्मिक स्थानों का निर्माण किया जाएगा।
मायावती ने आगे कहा समाजवादी पार्टी द्वारा श्री परशुराम की ऊंची मूर्ति लगवाने की बात केवल चुनावी स्वार्थ है। ब्रह्मा समाज को बसपा की कथनी और करनी पर पूरा भरोसा है ,बसपा सरकार बनने पर ब्राम्हण समाज की चाहत के मद्देनजर श्री परशुराम की मूर्ति हर मामले में सपा की तुलना में ज्यादा ही भव्य लगाई जाएगी। इसके अलावा मायावती ने कहा कि राम मंदिर निर्माण के नाम पर विकास की राजनीति की जा रही है जो कतई भी उचित नहीं है क्योंकि यह मामला लोगों की धार्मिक आस्था भावनाओं से जुड़ा है।
उन्होंने कहा कि यूपी में चार बार बनी बसपा सरकार ने सभी वर्गों के महान संतों के नाम पर अनेक जनहित योजनाएं शुरू की थी ,और जिलों के नाम रखे थे जिसे बाद में आई समाजवादी पार्टी की सरकार ने जातिवादी मानसिकता और द्वेष की भावना के चलते बदल दिया था बसपा की सरकार बनते ही इन्हें फिर से बहाल किया जाएगा।
इससे पहले सपा के राष्ट्रीय सचिव अभिषेक मिश्रा ने एलान किया था कि सामाजिक संस्था शक्ति चेतना पीठ लखनऊ में भगवान परशुराम की 108 फीट ऊंची कांस्य प्रतिमा स्थापित करेगी।
0 टिप्पणियाँ