विश्व स्तनपान सप्ताह में आईएमएस एक्ट के महत्व के बारे में दी जानकारी, उल्लंघन पर 3 वर्ष का कारावास अथवा 5 हजार रुपए का जुर्माना
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बी.एल.मिश्रा के द्वारा बताया गया कि समुचित स्तनपान व्यवहारों को संरक्षित करने के लिए प्रदेश में आई.एम. एस. एक्ट लागू है जिसके अंतर्गत स्तनपान के विकल्पों जैसे डिब्बाबंद दूध एवं शिशु आहार को अनावश्यक बढ़ावा एवं दूध की बोतल चूसनी आदि को प्रोत्साहित करने पर कानूनन कार्यवाही की जा सकती है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि आई. एम. एस. एक्ट की कंडिकाओ के उल्लंघन पर अधिकतम 3 वर्ष का कारावास अथवा रुपए 5000 का जुर्माना करने का प्रावधान है। इन प्रावधानों के पालन हेतु मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिले के नियामक अधिकारी होते हैं।
सीएमएचओ डॉ. मिश्रा ने स्तनपान की पैरवी करते हुए ग्राम से जिले स्तर तक के समस्त जनप्रतिनिधियों समाज सेवी कार्यकर्ताओं प्रबुद्ध वर्ग एवं युवाओं से अपील किया है कि मां का दूध शिशु के लिए सर्वोत्तम आहार है। अपने गांव पास पड़ोस क्षेत्र में पुराने रीति रिवाज परंपराओं को अलग करते हुए जन्म से 6 माह तक शिशु को केवल स्तनपान तथा जन्म से 1 घंटे के अंदर शीघ्र स्तनपान कराने की पैरवी करें। साथ ही समस्त मैदानी कार्यकर्ताओं, आशा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को निर्देशित किया गया है कि नवजात शिशु के जन्म पर अपने समक्ष स्तनपान कराने के लिए आग्रह करें और छः माह तक केवल स्तनपान कराते रहें ऐसी समझाइश समुदाय के लोगो में संप्रेषित करें। इनके कार्य की निगरानी आशा सहयोगी एवं सुपरवाइजर एलएचबी मेडिकल ऑफिसर करें और फॉलोअप कर चेकिंग भी करते रहे। यदि शत प्रतिशत नवजात शिशुओं को मां का शीघ्र स्तनपान से लेकर 6 माह तक केवल स्तनपान कराया जाने लगा तो निश्चित है कि शिशु मृत्यु दर को नियंत्रित करने में हम सफल हो जाएंगे।
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