कोरोना वैक्सीन बनने का दावा: 12 अगस्त को होगा रजिस्ट्रेशन, डब्ल्यूएचओ ने कहा......
इस समय पूरे विश्व को कोरोना महामारी की वैक्सीन बनने का बेसब्री से इंतजार है लोगों को लगता है ।की इस महामारी से निपटने के लिए कौन सी दवा और कब बन रही है रोज नए-नए दावे किए जा रहे हैं ।इस वक़्त दुनियाभर में 21 से ज्यादा वैक्सीन क्लीनिकल ट्रायल के चरण में है।भारत ,ब्रिटेन, रूस ,अमेरिका और चीन देश वैक्सीन बनाने के लगभग करीब पहुंच चुके हैं लेकिन लोग उसके दावे के मुताबिक वैक्सीन के लिए इसका इंतजार अब कुछ ही दिनों बचा है बस 2 दिन बाद यानी 12 अगस्त को वैक्सीन का पंजीकरण कराया जाएगा और उसकी इस वैक्सीन को दुनिया की पहली कोराना वैक्सीन माना जा रहा है ।इसे रूसी स्वास्थ्य मंत्रालय से जुड़ी एक संस्था गमलेय रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारा विकसित किया गया है अगर सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही यह वैक्सीन लोगों के लिए उपलब्ध होगी।
वहीं रूस के उप स्वास्थ्य मंत्री के मुताबिक फिलहाल वैक्सीन का तीसरा यानी अंतिम चरण का ट्रायल चल रहा है और यह बहुत ही महत्वपूर्ण है उन्होंने इस वैक्सीन के प्रभाव के बारे में बताते हुए कहा कि इसका पता तो तब तक चल पाएगा जब बड़े पैमाने पर लोगों के अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जाएगी।
हालांकि वैक्सीन को लेकर रूस के इन दावों पर कई देश संदेह जता रहे हैं। ब्रिटेन और अमेरिका सहित कई अन्य देशों के विशेषज्ञ इस वैक्सीन की सुरक्षा और प्रभावशीलता पर सवाल उठा रहे हैं। ब्रिटेन ने तो रूस की इस वैक्सीन का इस्तेमाल करने से ही साफ इनकार कर दिया है, असल में इसकी वजह यह है कि उसने इस वैक्सीन के परीक्षण से संबंधित कोई भी साइंटिफिक डाटा जारी ही नहीं किया है।
रूस की पुतिन सरकार का दावा है कि उसने दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन तैयार कर ली है और इसका फाइनल रजिस्ट्रेशन अगले हफ्ते हो जाएगा रसिया के मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक डिप्टी हेल्थ मिनस्टर ने शुक्रवार को कहा कोविड-19 के वैक्सीन का रजिस्ट्रेशन 12 अगस्त को होगा।
विश्व स्वास्थ संगठन( डब्ल्यूएचओ) ने रूस द्वारा बनाई गई क्रोना की वैक्सीन को लेकर कई तरह की शंकाएं जताई है। संगठन वैक्सीन के तीसरे चरण को लेकर संशय में है। संगठन के प्रवक्ता ने प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा कि अगर किसी वैक्सीन का तीसरे चरण का ट्रायल किए बगैर ही उसके उत्पादन के लिए लाइसेंस जारी कर दिया जाता है, तो इसे खतरनाक मानना ही पड़ेगा ।डब्ल्यूएचओ ने कहा कि रूस ने वैक्सीन बनाने के लिए तय दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया है, ऐसे में इस वैक्सीन की सफलता पर भरोसा करना मुश्किल है वैक्सीन उत्पादन के लिए कई गाइडलाइन्स बनाई गई है । जो भी टीम इसमें काम कर रही हैं उन्हें इसका पालन करना आवश्यक होगा ।हाल ही में रूस ने सभी क्लीनिकल ट्रायल खत्म होने का ऐलान भी किया था।
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