सोन घडि़याल क्षेत्र में रेत के अवैध उत्खनन को रोकने की बनी रणनीति,रेत के अवैध उत्खनन, परिवहन, भण्डारण एवं विक्रय पर रहेगी जीरो टालेरेंस
सीधी/ मझौली।
रीवा एवं शहडोल संभाग अंतर्गत सोन घडि़याल क्षेत्र में रेत के अवैध व्यापार को रोकने के लिए रीवा एवं शहडोल संभाग के सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों की बैठक कमिश्नर रीवा संभाग राजेश कुमार जैन, कमिश्नर शहडोल संभाग नरेश पाल एवं आईजी रीवा जोन चंचल शेखर की उपस्थिति में आयोजित की गयी। बैठक में सीधी, शहडोल एवं सतना जिलों के सीमा से लगे सोन घडि़याल क्षेत्र में रेत के अवैध उत्खनन, परिवहन, भण्डारण एवं विक्रय पर कड़ाई से अंकुश लगाने की रणनीति पर चर्चा कर कार्ययोजना तैयार की गयी।
बैठक में रेत के अवैध व्यापार पर कड़ाई से रोक लगाने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। सभी संबंधित विभाग आपसी समन्वय स्थापित कर संयुक्त रूप से प्रभावी कार्यवाही करेंगे। विभिन्न माध्यमों से त्वरित रूप से जानकरियाँ साझा की जायेंगी। नदी तक पहुँच मार्ग को खुदवाकर अवरुद्ध किया जाएगा। प्रमुख मार्गों पर चेकपोस्ट बनाकर कड़ी निगरानी रखी जाएगी। सीसीटीवी तथा ड्रोन के माध्यम से कड़ी चौकसी रखी जायेगी। चेकपोस्ट से गुजरने वाले प्रत्येक वाहन की कड़ाई से जाँच की जायेगी। रेत के अवैधानिक व्यापार से जुड़े लोगों के विरुद्ध कड़ी वैधानिक कार्यवाही की जाएगी। इसके साथ ही इसमें लगे वाहनों को जब्त कर राजसात करने की कार्यवाही होगी।
कमिश्नर रीवा संभाग श्री जैन ने रेत के अवैध उत्खनन के विरुद्ध जीरो टालेरेंस की नीति अपनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने निर्देशित किया कि रेत के अवैध व्यापार से जुड़ी सभी गतिविधियों पर कड़ाई से अंकुश लगाया जाये और जो भी व्यक्ति इसमें संलिप्त हैं उनके विरुद्ध कड़ी से कड़ी वैधानिक कार्यवाही की जाए। उन्होंने स्पष्ट किया है कि इसमें किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जायेगा। उन्होंने सभी संबंधित विभागों को अंतर्विभागीय समन्वय स्थापित करते हुए प्रभावी कार्यवाही करने के लिए कहा है।
कमिश्नर शहडोल संभाग श्री पाल ने इस अभियान में दोनों संभागों के अधिकारियों को समन्वय स्थापित कर एकजुटता से कार्य करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि प्रभावी कार्यवाही के लिए जानकरियाँ का समय से विभिन्न जिलों के मध्य साझा किया जाना आवश्यक है। रेत के अवैध व्यापार के लिए कोई भी गुंजाइश नहीं होनी चाहिए। सभी जिलों द्वारा कड़ी चौकसी रखने पर इसमें अंकुश लगाया जा सकेगा, जो भविष्य के लिए उदाहरण स्थापित करेगा।
आईजी श्री शेखर ने कहा कि विगत 31 मई को चुरहट में हुयी संयुक्त बैठक के बाद सभी संबंधित विभागों द्वारा सीधी जिले में रेत के अवैध व्यापार पर कड़ाई से अंकुश लगाते हुए प्रभावी कार्यवाही की गयी है। उन्होंने कहा कि हमें इस कार्य को सतत रूप से जारी रखना है तथा रेत माफिया के विरुद्ध कड़ी वैधानिक कार्यवाही की जाए। उन्होंने रेत का परिवहन कर रहे सभी वाहनों की कड़ी जाँच करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने निर्देशित किया कि चेकलिस्ट के अनुरूप सभी वाहनों की जाँच की जाये तथा बिना वैध दस्तावेजों के रेत का परिवहन करने वाले वाहनों को जब्त कर वैधानिक कार्यवाही की जाए। इसके साथ ही रेत के अवैधानिक सभी भण्डारण को जब्त करने की कार्यवाही की जाए।
उल्लेखनीय है कि सोन-घडि़याल अभयारण्य क्षेत्र को 1981 में अधिसूचित किया गया है। यह क्षेत्र सोन, बनास और गोपद नदी के 209 किमी क्षेत्र में फैला हुआ है तथा यह सीधी, सिंगरौली, सतना और शहडोल जिले में विस्तारित है।
आज सीधी जिले के परसिली में हुयी बैठक में सीधी, शहडोल और सतना जिले में बनास तथा सोन नदी के 23 किमी लंबे क्षेत्र से रेत के अवैध उत्खनन को रोकने की रणनीति बनायी गयी है। आज से ही संयुक्त दलों द्वारा सतनी, जनकपुर, रतवार, घोघी, नौढि़या, गोपालपुर, झिरिया, सुखाड़, कूबरी क्षेत्रों में कड़ी निगरानी रखते हुए कार्यवाही की जाएगी। बैठक में डीआईजी रीवा अनिल सिंह कुशवाह, शहडोल पीएस उईके, कलेक्टर सीधी रवीन्द्र कुमार चौधरी, शहडोल डॉ. सत्येंद्र सिंह, पुलिस अधीक्षक सीधी आर. एस. बेलवंशी, सतना रियाज इकबाल, शहडोल सत्येंद्र कुमार शुक्ला, संयुक्त संचालक संजय टाइगर रिजर्व अशोक कुमार सहित राजस्व, पुलिस, वन, खनिज एवं परिवहन विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।
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