ग्राम पंचायत शिकरा में जेसीबी से किया जा रहा मेड बंधान कार्य मूक दर्शक बने जिम्मेदार
सीधी/मझौली ।
मामला मझौली जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत क्षेत्र सिगरा की है जहां 7 जून से लगातार जेसीबी मशीन द्वारा मेड बंधान का कार्य किया जा रहा है जबकि जिला कलेक्टर द्वारा सख्त निर्देश दिया गया है कि किसी भी ग्राम पंचायत में कोई मनरेगा का कार्य मशीनों द्वारा नहीं कराया जाएगा लेकिन मझौली जनपद अंतर्गत लगभग सभी पंचायतों में मनरेगा का कार्य लगातार जेसीबी मशीनों द्वारा कराया जा रहा है जिस का ताजा मामला सिकरा ग्राम पंचायत से आया है जहां पर लगभग चार-पांच दिन से लगातार जेसीबी मशीन द्वारा श्याम लाल केवट देवकली केवट रतन लाल केवट अशोक केवट के खेत में निर्बंधन का कार्य कराया जा रहा है जहां पर एक भी लेबर कार्य करते नहीं देखे जा रहे हैं वही जेसीबी मशीन के पहिए के निशान साफ नजर आ रहे हैं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यह कार्य अधिकांशत रात्रि के समय किया जा रहा है लोगों को परिवार का भरण पोषण करना मुश्किल हो गया है जिम्मेदारों द्वारा मशीन से कार करा कर अपने सगे संबंधियों व नजदीकियों के नाम मास्टर रोल यीशु कराकर मजदूरों की राशि का बंदरबांट कर लिया जा रहा है क्षेत्र के लोगों की माने तो सरपंच सचिव व रोजगार सहायक द्वारा पंचायत में काफी भ्रष्टाचार किया जा रहा है हमेशा पंचायत से नदारद रहते हैं जिससे लोगों को अन्य सुविधाओं से भी वंचित रहना पड़ रहा है या कार्य के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है।
ऐसे चलता है भ्रष्टाचार का खेल:--
सूत्रों की मानें तो ग्राम पंचायतों में बिना टीएस ए एस के ही आवेदन लेकर मशीनों द्वारा दो-चार दिन में कार्य पूर्ण कर दिया जाता है जब इसकी शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों से की जाती है तो उनका कहना होता है कि यह कार पंचायत द्वारा नहीं कराया जा रहा है यहां तो मस्टररोल ही जारी नहीं है जिसका बाद में मस्टररोल जारी कर महीनों अपने लोगों का फर्जी हाजिरी भर राशि आहरित की जाती है। यह पहला मामला नहीं है कि इस तरह का कार्य नहीं होता क्योंकि इसके पूर्व और वर्तमान में भी कई जगह से कार्य किए गए हैं जिनका टी एस ए एस नहीं हुआ है लेकिन कार्य मशीनों द्वारा करा दिया गया है जिसका फोटो वीडियो बयान लिया जा चुका है जैसे ही इन कार्यों का मास्टर रोल जारी किया जाएगा भ्रष्टाचार को उजागर करने का काम किया जाएगा।
विभागीय अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध:--
इस प्रकार की जानकारी जब विभागीय अधिकारियों को दी जाती है तो उनके द्वारा साफ तौर पर कहा जा रहा है कि यहां पर यह कार्य चल ही नहीं रहा है जिसका भुगतान बाद में कर दिया जाता है जिससे साफ जाहिर होता है कि पंचायत कर्मियों द्वारा किए गए भ्रष्टाचार में कहीं ना कहीं विभागीय अधिकारी संलिप्त हैं क्षेत्र में भ्रमण के दौरान किसी भी विभागीय अधिकारी कर्मचारी या उप यंत्रों को नहीं देखा जा रहा है यह केवल कार्यालयों और हेड क्वार्टर में बैठकर अपने हिस्से की राशि प्राप्त कर आंख मूंदकर कागजी कार्यवाही पूर्ण कर दी जाती है समाचार पत्र के माध्यम से लोगों ने शासन प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराते हुए ग्राम पंचायतों में जारी भ्रष्टाचार की जांच की मांग किए हैं
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