पंचायतों में नहीं मिल रहा मजदूरों को काम जेसीबी से कराया जा रहा कार्य
सगे संबंधियों वह चहेतों के नाम आहरित की जाती है राशि
पक्का कार्य ठेकेदारों के हवाले घटिया निर्माण कार्य कर किया जा रहा भ्रष्टाचार क्या कमीशन के राशि से बंधे अधिकारियों के हाथ जिले में जमाए हैं डेरा।
मझौली ।
मामला मझौली जनपद पंचायत के ग्राम पंचायतों का है जहां पर इस विषम परिस्थिति में भी गरीब मजदूरों को काम के लाले पड़े हैं जबकि कलेक्टर रविंद्र कुमार ज्यादा से ज्यादा काम चालू कर मजदूरों को रोजगार देने के लिए दिन रात एक किए हुए हैं बता दें कि मझौली जनपद पंचायत अंतर्गत लगभग सभी ग्राम पंचायतों में एक और जहां पक्के निर्माण ठेकेदारों के हवाले कर घटिया निर्माण कार्य कराया जा रहा है वहीं मनरेगा के कार्य रातों-रात मशीनों से करा कर अपने सगे संबंधियों व चहेतों के नाम मास्टर रोल भरकर राशि डकारी जा रही है तथा गरीब मजदूर काम के लिए इधर उधर भटकने को मजबूर हैं वही काम ना मिलने के कारण परिवार के भरण-पोषण के लाले पड़े हैं हमारे जागरण टीम द्वारा विगत दिवस ग्राम पंचायत धनौली ,खमचौरा ,पांड़ आदि का विजिट किया गया जहां पर एक भी मजदूर काम में नहीं लगे आंखें जब मजदूरों से काम के लिए पूछा जाने लगा तो क्रोधित रूप से व्यथा सुनाते हुए कहा गया कि पंचायत में जो भी काम किया जाता है मशीन से करा लिया जाता है तथा सरपंच सचिव व रोजगार सहायक अपने सगे संबंधियों के खाते में मजदूरी की राशि डाल आहरित कर लेते हैं हम गरीबों को काम ही नहीं दिया जा रहा है वही ग्राम पंचायत खमचौरा में निर्माण कराया गया चेक डैम ठेकेदारी प्रथा में घटिया किस्म का बनाया गया है। मिट्टी युक्त बालू वही नाले से निकालकर 12-15 के रेशियो के हिसाब से बनाया गया है। जो ऐसा प्रतीत होता है कि 1 वर्ष भी नहीं चल पाएगा जब जब मीडिया यहां पहुंचे तो ना तो कोई पंचायत कर्मी मिला ना ही उपयंत्री केवल ठेकेदार के आदमी और बाहर से आए काम कर रहे मजदूर मिले जिसका समाचार पूर्व में भी प्रकाशित किया गया था किंतु जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी किसी प्रकार का कोई रुचि नहीं दिखाएं क्या उनके हाथ पैर कमीशन की राशि से बांध हुऐ है जिम्मेदार एजेंसी के अधिकांश अधिकारी यहां से 50 किलोमीटर दूर जिले में डेरा डाले हुए है इस संबंध में जब अधिकारियों से जवाब चाहा जाता है तो दिखाने की बात कहकर पल्ला झाड़ लेते हैं अब देखना यह होगा कि जिला प्रशासन क्या कुछ कार्यवाही करता है ।
जिला मुख्यालय में अधिकांश अधिकारी कर्मचारी जमाए हैं डेरा यदि क्वालिटी कंट्रोलर विभाग आर ई एस की बात की जाए तो अधिकांश कर्मचारी जिले में रहकर कमीशन बटोरने के लिए मुख्यालय आते हैं जो जिला के आला अधिकारियों से सांठ-गांठ बनाए हुए हैं जिनके बलबूते या पंचायत कर्मियों को फ्री हैंड दे रखे हैं सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार उपयंत्री राजेंद्र वर्मा के पंचायतों में देखने को मिलता है जो हमेशा अल्प समय के लिए फोर व्हीलर गाड़ी से आकर कमीशन की राशि वसूल पुनः: जिला रवाना हो जाते हैं।
इनका है कहना
१- वर्तमान में कुछ भी काम नहीं चल रहा है जो कुछ भी किया जाता है मशीन से कराया जाता है क्या करें लोगों को काम नहीं मिल रहा है ।
विलासुआ देवी कोल
पूर्व सरपंच धनौली
२- अभी कोई काम नहीं चल रहा है हम लोगों को काम नहीं दिया जाता मशीन से करा लिया जाता है हम लोग क्या करें।
नरेंद्र साहू
निवासी धनौली
३- काम नहीं चल रहा है ना काम मिलता है ।
शिवभान रावत
धनौली
४-काम कहीं नहीं लगा है ना तो हम लोगों साबुन मास्क भी नही दिया गया है।
सुखलाल साहू
निवासी पांड़
५- इस रोड का काम 10-12 दिन से बंद है मिट्टी मुरूम ट्रैक्टर से लाकर डाला गया है कुछ लोग पहले काम किए हैं ।
विद्यासागर यादव
खमचौरा
६- मैं बयान देने के लिए अधिकृत नहीं हूं हम उस कार्य को दिखाएंगे गड़बड़ हुआ तो कैंसिल कर देंगे ।
ए के द्विवेदी एस,डी, ओ,
आर ई एस
७ - मैं छुट्टी में था आज ही आया हूं आप समाचार पत्र में प्रकाशित खबर की कटिंग और वीडियो बयान उपलब्ध कराएं कार्यवाही की जाएगी।
विजय कुमार श्रीवास्तव
जनपद सीईओ मझौली
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