कार्रवाई करने में पिछड़ा कोतवाली,पुलिस अधीक्षक ने जारी की नोटिस

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कार्रवाई करने में पिछड़ा कोतवाली,पुलिस अधीक्षक ने जारी की नोटिस



कार्रवाई  करने में पिछड़ा कोतवाली,पुलिस अधीक्षक ने जारी की नोटिस

सीधी। 

कोतवाली थाने की पुलिसिंग ब्यवस्था पर एक बार फिर सवाल खड़े हो रहे हैं। कोतवाली पुलिस के द्वारा शहर में अपराध रोकने के लिए प्रतिबंधात्मक कार्रवाई करने में गुरेज बरत रही है। विभागीय समीक्षा बैठक में गत वर्ष की अपेक्षा कमजोर प्रगति दर्ज की गई है, जिस पर पुलिस अधीक्षक आरएस बेलवंशी के द्वारा कोतवाली नगर निरीक्षक को नोटिस जारी कर प्रगति में सुधार लाने के निर्देश दिए हैं। उसके बाद भी स्थिति जस की तस दिख रही है। उल्लेखनीय है कि पुलिस के द्वारा आदतन अपराधियों सहित अन्य अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए समय-समय पर विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई करती है, जिससे अपराधियों के मन में पुलिस के प्रति भय बना रहता है, किंतु जनवरी से लेकर अप्रैल माह तक समीक्षा की गई तो कोतवाली पुलिस की अपराधियों के प्रति नकेल कसने की प्रगति बहुत कमजोर पाई गई। जिस पर वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा नाराजगी ब्यक्त की गई है। उल्लेखनीय है कि कोतवाली नगर निरीक्षक कोतवाली या फील्ड में दौरे करने की जगह अपने कमरे में ही बंद रहते हैं, जिससे अपराधियों की सुध लेने की उनको फुरसत ही नहीं है, जिसके कारण पुलिसिंग ब्यवस्था बेपटरी चल रही है, सिपाहियों के द्वारा अपनी मनमानी चलाई जा रही है।  आदतन अपराधियों जिससे समाज के लोगों को भय रहता है, ऐसे अपराधियों के खिलाफ पुलिस के द्वारा नजर रखते हुए उनका जिला बदर करने का प्रस्ताव जिला दंडाधिकारी को सौंपा जाता है, जिस पर दंडाधिकारी के द्वारा उसे एक वर्ष या छह माह के लिए सीधी जिले के सीमा के जिलों सिंगरौली, शहडोल, रीवा, सतना से बाहर कर दिया जाता है। जनवरी से अप्रैल माह के बीच वर्ष 2018 में 7, वर्ष 2019 में 6 लोगों को जिला बदर किया गया था, किंतु इस वर्ष एक भी आदतन अपराधी का जिला बदर नहीं किया गया।  प्रतिबंधात्क कार्रवाई करने के लिए आठ प्रकार के अधिकार दिए गए हैं। किंतु ज्यादातर अधिकारों का कोतवाली पुलिस के द्वारा प्रयोग ही नहीं किया गया। जिला बदर के साथ ही 145 जाफो, एनएसए व पुलिस एक्ट का एक भी प्रकरण नहीं तैयार किया गया है।

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