नामांतरण के लिए दफ्तरों का नहीं लगाना पड़ेगा चक्कर, ऑनलाइन से होगा आवेदन
भोपाल।
नामांतरण के लिऐ कोई भी व्यक्ति वेबसाइटwww.rcms.mp.gov.in पर स्वयं, एम.पी. ऑनलाइन कियोस्क, लोक सेवा केन्द्र, पटवारी अथवा पंचायत सचिव के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकता है। आवेदक को आवेदन की पावती भी ऑनलाइन मिलेगी। लोगों को अब नामांतरण के लिए दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगें। राजस्व विभाग द्वारा राजस्व से संबंधित प्रकरणों के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिये रेवेन्यु केस मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया गया है।
नामांतरण के प्रकार:-
फौती नामांतरण, सभी वारिसों के हक के आधार पर - खातेदार की मृत्यु होने के उपरांत उसके वैध वारिसों का नाम राजस्व रिकार्ड में दर्ज किया जाना। फौती नामांतरण, कुछ वारिसों के हक त्याग के साथ-साथ - खातेदार की मृत्यु होने के उपरांत जिन वारिसों ने अपना हक त्याग कर दिया है उन्हें छोड़ कर शेष वैध वारिसों के नाम राजस्व रिकार्ड में दर्ज किया जाना।फौती नामांतरण, वसीयत के आधार पर - खातेदार द्वारा जीवनकाल में वसीयतनामा करने पर उसकी मृत्यु के बाद उसके आधार पर नाम राजस्व रिकार्ड में दर्ज किया जाना।पंजीकृत विक्रय-पत्र के के आधार पर क्रेता के नाम नामांतरण।पंजीकृत दानपत्र के आधार पर - खातेदार द्वारा अपनी भूमि को अपनी स्वेच्छा से किसी अन्य को बिना प्रतिफल लिए हस्तांतरित करना। पंजीकृत विनिमय पत्र के आधार पर-पंजीकृत विनिमय पत्र के आधार पर भूमि की अदला-बदली।व्यवहार न्यायालय के डिक्री के आधार पर- व्यवहार न्यायालय द्वारा भूमि को खातेदार के स्थान परसय अन्य व्यक्ति के नाम किये जाने का आदेश। नाबालिक से बालिक होने पर-खातेदार के वयस्क(बालिक) हो जाने पर रिकार्ड का अद्यतन। बटाई/बंधक दर्ज करने हेतु- भूमि पर बैंक से ऋण लिए जाने के उपरांत भूमि को बंधक करना। बटाई/बंधक विमुक्त करने हेतु-ऋण वापस जमा करने उपरांत भूमि को विमुक्त किया जाना। किसी अन्य प्रकार से हक अर्जन द्वारा - ऊपर वर्णित प्रकारों से भिन्न प्रकार से हक अर्जन होने पर भी ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है।
इस प्रक्रिया से संबंधित जानकारी का यूजर मेन्युअल भी तैयार किया गया है। पटवारियों और पंचायत सचिवों को इसका प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है।
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