(खबर का हुआ असर)आवास योजना में फर्जीवाड़े की जांच करने पहुंचे डिप्टी कलेक्टर,पैसे लेकर आवास दिलाने का वायरल हुआ था वीडियो
खबर का हुआ बड़ा असर
सीधी/मझौली।
शासन की योजनाओं में विचौलिए जमकर पलीता लगाने में जुटे हुए है जिससे पात्र हितग्राहियों तक शासन की जनकल्याणकारी योजनाएं नही पहुंच पा रही है। ऐसा ही एक वीडियो नगर परिषद मझौली का वायरल हुआ था। वायरल वीडियो में दलाल द्वारा पैसे के एवज में आवास दिलाने की बात कर रहा था। जिस खबर को दैनिक जागरण द्वारा प्रमुखता से दिखाये जाने पर कलेक्टर द्वारा डिप्टी कलेक्टर श्रेयश गोखले के नेतृत्व में टीम तो गठित कर दी गई लेकिन आज जब टीम मझौली पहुंची तो मुख्य बिंदु का दरकिनार कर की जांच की जाने लगी। 2015-16 के आवेदन को तीसरी और 2018-19 के आवेदन को द्वितीय सूची में शामिल जिसकी जांच नहीं की जा रही है। बल्कि यह कहा जा रहा है कि आपका नाम तो जुड़ गया है। बिंदु का फार्मेट अभी नहीं दिखा रहे हैं केवल इतना बता रहे हैं कि इसका पूर्व में पक्का मकान तो नहीं पैसा तो देकर नहीं लिया गया बस यही पूंछा जा रहा है। जबकि मुख्य बिंदु जो है पहले के आवेदन आरटीओ को तीसरी और चौथी लिस्ट में बाद के आवेदन को पहले और दूसरे लिस्ट में जोड़ा गया है। जांच के नाम पर केवल औपचारिकता आभास हो रही है। के दौरान नगर परिषद के कर्मचारियों को साथ में लिए हुए हैं। 1 हितग्राही के द्वारा स्वयं बताया गया कि दो-दो कमरे हम दोनों देवरानी जेठानी को मिले हैं जिसका वार्ड प्रभारी द्वारा बताया जा रहा है कि पक्का उनकी सास के नाम पर है इस तरह से मुख्य बिंदु पर जाकर जांच नहीं की जा रही है नगर परिषद कर्मचारियों को साथ में लेकर उनके मन मुताबिक ही 5 हितग्राहियों का चयन कर जांच की जा रही है। आपकों बतातें चलें कि नगर परिषद मझौली में दलाली करने वाले अध्यक्ष पद के लगोंटिया यार का वीडियो आवास योजना के नाम पर उगाही करने का वायरल हुआ था । नगर परिषद अध्यक्ष रूबी सिंह के पति विदेश सिंह के लंगोटिया यार रोहिणी प्रसाद गुप्ता जो नगर परिषद मझौली वार्ड क्रमांक 12 के निवासी हैं यह सिंगरौली जिले के देवसर ब्लाक में शिक्षक पद पर पदस्थ होते हुए भी अधिकांश समय मझौली में दलाली करते हुए देखे जाते हैं। इतना ही नहीं यह अधिकारी कर्मचारियों से भी सांठगांठ बनाए हुए हैं जिससे चुनावी समय में अपनी ड्यूटी तहसील कार्यालय में लगवा कर दलाली करने में जुटे रहते है। इससे साफ जाहिर होता है कि नगर परिषद अधिकारी कर्मचारी एवं प्रतिनिधियों के साथ कहीं ना कहीं स्थानीय प्रशासन भी संदिग्ध ता के घेरे में है। विदित हो कि नगर परिषद मझौली में निर्माण कार्य सहित हितग्राही मूलक कार्य भी भ्रष्टाचार और कमीशन खोरी के भेंट चढ़ चुके हैं। जांच टीम में मुख्य रूप से श्रेयास गोखले डिप्टी कलेक्टर,नायब तहसीलदार मझौली रोहित सिंह,नायब तहसीलदार मड़वास संजय मेश्राम,पटवारी,राकेश जयसवाल आवास योजना प्रभारी नगर परिषद मझौली,वार्ड प्रभारी नगर परिषद मझौली मौजूद रहे।
कवरेज करने से रही रोंक:-
जब जांच टीम की भनक मझौली के मीडियाकर्मियों को लगी तो आनन-फानन में पहुंच गए। लेकिन वहां मौजूद अधिकारियों द्वारा मीडिया टीम को कवरेज करने से रोंक दिया गया। मीडिया टीम को बताया गया कि अभी जांच चल रही है जब जांच पूरी हो जायेगी तो आप लोगों को अवगत करा दिया जायेगा। अधिकारियों के उक्त कृत्य से साफ जाहिर हो रहा है कि मामले की लीपापोती करने के लिए जांच की जा रही है।
नगर परिषद के कर्मचारियों के हिसाब से हुई जांच:-
आज जब मझौली में जांच टीम पहुंची तो पात्र हितग्राहियों के चेहरे खुशी के मारे चमक उठे कि अब उन्हे पक्का आशियाना जरूर मिलेगा। लेकिन जैसे ही नगर परिषद के कर्मचारियों के हिसाब से जांच टीम जांच करने गली तो उनकी खुशी चेहरे से उड़ गई। हितग्राहियों व वहां के स्थानीय लोगों का साफ कहना था कि जब दोषियों के हिसाब से जांच टीम कार्रवाई करेगी तो दोषियों का पता कहा से चल सकेगा।
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