(आर. बी.सिंह,राज)डॉक्टर शिवम मिश्रा आत्महत्या कांड का सनसनीखेज खुलासा, आत्महत्या कांड की मुख्य आरोपी को अधिकारियों का था खुला संरक्षण
स्टाफ नर्स अंजना मार्सकोले को बिना उपस्थिति दिया जाता था पूरा वेतन
चुरहट अस्पताल में नौकरी और भोपाल के सैम नर्सिंग कॉलेज में पढ़ाई, दोनों साथ-साथ
सीधी।
डॉ. शिवम मिश्रा आत्महत्या कांड मामले में आरोपियों के नाम तय होने के उपरांत इस मामले से संबंधित अब सनसनीखेज खुलासे सामने आ रहे हैं।
जहां बीते बुधवार को जिला न्यायालय की एक अदालत ने इस मामले के 4 आरोपियों की अग्रिम जमानत खारिज कर दी है वहीं इस मामले से संबंधित एक नया चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है।
एक साथ दो जगहों पर उपस्थिति कैसे संभव:-
स्टाफ नर्स अंजना मर्सकोले जहां एक ओर चुरहट के अस्पताल में शासकीय सेवारत थी वहीं दूसरी ओर वो भोपाल में रहकर पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग की पढ़ाई सैम कॉलेज ऑफ नर्सिंग भोपाल से बिना शासन की अनुमति के नियमित रूप से कर रही थी। जिस हेतु स्टाफ नर्स द्वारा दिनांक 15 /08/ 2017 को नर्सिंग कॉलेज में प्रवेश लिया गया और नियमित उपस्थिति भी दर्ज कराई गई और गरीब बनकर शासन से पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति भी ऑनलाइन आवेदन क्रमांक 2973505 द्वारा दिनांक 13 /04 / 2018 को 29,240 रुपए अपने पंजाब नेशनल बैंक की शाखा नेहरू नगर भोपाल में स्थित खाते में ली गई l
यही नहीं उसको भोपाल के कॉलेज द्वारा 75% वार्षिक उपस्थिति का प्रमाण पत्र भी छात्रवृत्ति विभाग को जारी किया गया। तब जाकर विभाग द्वारा उनको उनके खाते में छात्रवृत्ति की राशि दी गई।
अब सवाल यह उठता है कि यदि वो भोपाल में नियमित रूप से पढ़ाई कर रही थी तो चुरहट में नौकरी कैसे कर रही थी ? क्या उनके द्वारा चुरहट अस्पताल में कुछ दिन उपस्थित होकर महीने की शेष दिनों में फर्जी हाजिरी भरी जाती थी। वर्ष 2019 में नर्सिंग की पढ़ाई का उनका दूसरा वर्ष चल रहा था।
इस बात का खुलासा समाचार पत्र के माध्यम से पूर्व में किया गया था लेकिन विभागीय अधिकारियों के द्वारा इसके बावजूद भी कोई कार्यवाही नहीं की गई।
यहां तक कि यदि सही मायनों में जांच की जाए तो जिस दिनांक में भोपाल में पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग की परीक्षाएं हुई हैं और स्टाफ नर्स द्वारा भोपाल की परीक्षा में सम्मिलित होकर उसी दिन चुरहट अस्पताल में भी उनकी उपस्थिति दर्ज होना पाए जाने की संभावना है।
अभी और जांच की जरूरत:-
स्टाफ नर्स अंजना मार्सकोले के इस प्रकार की कृत्य पर तथा पूर्व में समाचार पत्रों के प्रकाशन के बावजूद तत्कालीन प्रभारी चिकित्सा अधिकारी चुरहट, खंड चिकित्सा अधिकारी रामपुर नैकिन एवं तत्कालीन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा किसी भी प्रकार की कोई वैधानिक कार्यवाही नहीं की गई l जिससे स्टाफ नर्स अंजना मार्सकोले का मनोबल बढ़ता गया। पूर्व में कई बार कर्मचारियों के अनुपस्थित होने के बावजूद बैक डेट में हस्ताक्षर कराए जाने का मामला प्रकाश में आ चुका है लेकिन संबंधित विभाग के अधिकारी मौन रहकर किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं करते थेI
यदि भोपाल स्थित नर्सिंग कॉलेज और चुरहट अस्पताल में स्टाफ नर्स अंजना मार्सकोले की उपस्थिति का विवरण जांच के दायरे में लिया जाए तो स्टाफ नर्स के साथ साथ फर्जी उपस्थिति को संरक्षण देने में कई वरिष्ठ अधिकारियों की भी भूमिका संदिग्ध होगी।
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