प्रधानमंत्री आवास योजना की सूची में अपात्रो को शामिल किए जाने का आरोप।
मझौली।
मामला नगर पंचायत मझौली का है जहां तीन चार वर्ष के अंतराल में कमीशन समेटने के चक्कर में अभी तक नाम मात्र के आवास वितरित किए गए थे जो अब कार्यकाल खत्म होने के कगार में जोर पकड़ लिया है सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान में 800 से अधिक हितग्राहियों की सूची अनुमोदित होकर कार्यालय में आ चुकी है जिसमें अत्याधिक अपात्र लोगों को सूची में जोड़े जाने का आरोप लोगों द्वारा लगाया जाने लगा है बता दें कि नगर परिषद मझौली अध्यक्ष रूबी सिंह शुरुआती कार्यकाल से ही निर्माण कार्य सहित हितग्राही मूलक कार्यो भ्रष्टाचार और कमीशन खोरी के भेट चढ़ रहे है। एक ओर जहां निर्माण कार्यों में संविदाकारों के साथ सांठगांठ कर घटिया निर्माण कराकर माल बटोरने में कामयाब रहे वही हितग्राही मूलक कार्यों में भी अपना प्रभाव जमाते हुए आपने शुभचिंतक हुआ कमीशन देने वाले अपात्रो को बाट दिया गया है। आज से 3 वर्ष पूर्व 500 के लगभग हितग्राहियों को आवास योजना अंतर्गत प्रदान किया गया था जिसमें अधिकांश अपात्रों को वितरित किया गया था तब से इसी अनियमितता के कारण जांच पर जांच होती चली गई जिससे प्राप्त लक्ष्य का काफी कम आवास नगर वासियों को उपलब्ध हो सके जांच उपरांत भी आपने प्रभाव एवं कमीशन के बल पर अपात्रो का नाम अनुमोदित सूची में शामिल कराने में सफल रहे जबकि अति आवश्यकता वाले कई हितग्राहियों का नाम सूची में जोड़े जाने के बाद भी अनुमोदन हुई सूची में नहीं शामिल किया गया नगर परिषद द्वारा बरती जा रही लगातार अनियमितता एवं पक्षपात कर कमीशन बटोरने का आरोप लोगों द्वारा लगाया जाने लगा है लॉक डाउन समय अवधि में वरिष्ठ अधिकारियों तक ना पहुंच पाने के कारण समाचार पत्र के माध्यम से शासन प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराते हुए अनुमोदित सूची की विधिवत जांच कराने की मांग की गई है अब देखना यह होगा कि 4 वर्ष से अनियमितता की भेंट चल रही नगर परिषद मझौली में प्रशासन द्वारा विधिवत जांच कराया जाकर अ पात्रों का नाम अनुमोदित सूची से बाहर कराया जाएगा या की जांच के नाम पर कागजी कोरम पूर्ण कर पूर्व की तरह भ्रष्टाचार और कमीशन बटोरने की अधिकारी एवं प्रतिनिधियों क्लीन चिट प्रदान करती रहेगी
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