ढाबा संचालक ने पुलिसकर्मियों पर गुंडागर्दी का लगाया आरोप, व्यवस्था सुधार पर नहीं दिया जा रहा ध्यान
मझौली ।
मामला पुलिस थाना मझौली का है जहां व्यवस्था पूर्ण रूप से पटरी छोड़ी हुई प्रतीत हो रही है जिस में सुधार किए जाने के उद्देश्य सोशल मीडिया एवं समाचार पत्रों में खबर का प्रकाशन एवं पत्रकार वार्तालाप की जा रहे हैं किन्तु जिम्मेदारों द्वारा व्यवस्था सुधार ना करते हुए पत्रकारों व पीड़ितों पर लगाम लगाने के लिए दबाव बनाने का प्रयास लगातार जारी है जबकि मझौली पुलिस लॉक डाउन अवधि में भी लूटपाट अवैध उत्खनन एवं गुंडागिरी पर उतारू है जिस का ताजा मामला सेमरिया ढाबा संचालक के लगाए आरोप के अनुसार 10 मई की दरमियानी रात पहुंचे पुलिस कर्मियों द्वारा ढाबे में तोड़फोड़ की गई एवं अश्लील शब्दों का प्रयोग किया गया। जिसमें चर्चित हेड कांस्टेबल भी शामिल थे ।जिसके ऊपर शिकायत ना किए जाने का दबाव पुलिस विभाग द्वारा सुबह होते होते बना लिया गया वही एक समाचार पत्र में प्रकाशित खबर पर पत्रकार साथी को कमेंट करते हुए एक पत्रकार द्वारा सही जानकारी देने का प्रयास किया जा रहा था की थाना प्रभारी सवेरा अंसारी द्वारा पोस्ट कर चेतावनी दी गई तथा उनके सहयोगी द्वारा अनुचित शब्दों का प्रयोग करते हुए पत्रकार से बहस की जाने लगी किंतु जैसे ही पोस्ट की जानकारी पुलिस के आला अधिकारियों को लगे थाना प्रभारी द्वारा पोस्ट को डिलीट कर दिया गया सवाल यह उठता है कि यदि उनके द्वारा किया गया पोस्ट जायज था तो डिलीट क्यों किया गया क्या पत्रकारों की आजादी छीन ली गई है । सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पूर्व में भी हमारे स्टार समाचार पत्र के मझौली प्रतिनिधि को भी एक समाचार प्रकाशित होने पर थाने में बुलाकर पूछताछ जांच चालू कर दी गई थी जबकि खबर का प्रकाशन जिला से किया गया था। अब देखना यह होगा कि मझौली थाने की बिखरी पुलिस व्यवस्था को सुधारने के लिए वरिष्ठ अधिकारी क्या कुछ भूमिका निभाते हैं ।
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