महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत निजी खेत में फलोद्यान परियोजना के प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश
सीधी।
कलेक्टर रवीन्द्र कुमार चौधरी ने महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत निजी खेत में फलोद्यान परियोजना के प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश दिए हैं। नरेगा योजना के क्रियान्वयन की समीक्षा करते हुए कलेक्टर श्री चौधरी ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण उत्पन्न परिस्थितियों के कारण आज की सबसे बड़ी चुनौती ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की है। बड़ी संख्या में श्रमिक जिले में वापस आ रहे हैं और आने वाले समय में उन्हें आजीविका की समस्या का सामना करना पड़ेगा। कलेक्टर श्री चौधरी ने इसे एक अवसर के रूप में लेने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि हम लोगों को ऐसे रोजगार में संलग्न करें, जो उन्हें न केवल तत्कालिक राहत प्रदान करे, बल्कि भविष्य में भी उनके लिए लाभदायी साबित हो।
कलेक्टर श्री चौधरी ने कहा कि निजी खेत में फलोद्यान परियोजना हमें उद्यानिकी को लोगों के लिए लाभ का धंधा बनाने का अवसर प्रदान करता है। इस परियोजना के अंतर्गत अनुसूचित जनजाति/ अनुसूचित जाति/ घुमंतु जनजाति, अन्य बीपीएल परिवार, ऐसे परिवार जिनकी मुखिया महिला या विकलांग हो, भूमि सुधार के लाभार्थी परिवार, इंदिरा आवास योजना के हितग्राही, लघु एवं सीमांत कृषकों को लिया जा सकता है। ऐसे खेतों का चयन किया जाना है, जो खेती के लिए उपयुक्त नहीं हैं तथा सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता है। उन्होंने बताया कि कपिल धारा कूप, खेत तालाब आदि कि व्यवस्था महात्मा गांधी नरेगा से की जा सकेगी। यह परियोजना 3 वर्षों के लिए होगी जिसमें प्रथम वर्ष में 317 दिवस, द्वितीय वर्ष में 159 दिवस तथा तृतीय वर्ष में 92 मानव दिवस तक की मजदूरी का प्रावधान किया गया है। एक एकड़ में लगभग 400 तक कलमी फलदार पौधे लगाए जा सकेंगे। नरेगा सामग्री मद में प्रथम वर्ष 33296 रुपए, द्वितीय वर्ष 16739 रुपए तथा तृतीय वर्ष में 13469 रुपए का प्रावधान किया गया है। तीन वर्ष उपरांत कृषकों को फलों के उत्पादन से लाभ प्राप्त होने लगेगा और वह उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनायेगा।
कलेक्टर श्री चौधरी ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया है कि आगामी एक सप्ताह के अंदर पूरी कार्य योजना तैयार कर अवगत करायें। कृषकों को इससे होने वाले लाभ से अवगत करायें तथा अधिक से अधिक कृषकों को इसमें सम्मिलित करें। उन्होंने राज्य शासन द्वारा जिले के लिए निर्धारित 20 हजार हेक्टेयर के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए निर्देशित किया है।
मनरेगा में खुदाई के कार्यों मे जेसीबी का उपयोग प्रतिबंधित रहेगा
कलेक्टर श्री चौधरी ने सभी ग्राम पंचायतों में अधिक से अधिक कार्य प्रारंभ कर श्रमिकों को नियोजित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि श्रम आधारित कार्यों को मनरेगा में प्राथमिकता दी जाये। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यों को प्राथमिकता दी जाए जो भविष्य में भी ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका के अवसर प्रदान करने में सहयोगी हो जैसे मत्स्य पालन, उद्यानिकी एवं कृषि आधारित गतिविधियों को बढ़ावा दे सकें।कलेक्टर श्री चौधरी ने मनरेगा कार्यो में जेसीबी मशीनों का उपयोग नहीं करने के निर्देश दिए हैं। उन्होने कहा कि ऐसे कार्यो में मशीनों के संलग्न होने पर उन्हे जब्त करने की कार्यवाही की जायेगी तथा संबंधित सरपंच, सचिव एवं उपयंत्री के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी। कलेक्टर श्री चौधरी ने खुदाई के कार्यों में जेसीबी मशीनों के संलग्न होने की सूचना तत्काल संबंधित नायब तहसीलदार/ तहसीलदार एवं एसडीएम को देने के निर्देश दिए हैं।
नए श्रमिकों के जाब कार्ड बनाकर रोजगार के अवसर करायें उपलब्ध - सीईओ जिला पंचायत
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत ए. बी. सिंह ने कहा कि विगत कुछ समय में बड़ी संख्या में श्रमिक जिले के बाहर से वापस आए हैं। जिन श्रमिकों ने क्वारेंटाईन में आवश्यक 14 दिवस व्यतीत कर लिए हैं तथा पूर्ण रूप से स्वस्थ हैं, उनके भी जाब कार्ड बनाए जाकर उन्हें रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये जायें। उन्होंने निर्देशित किया है कि कोई भी व्यक्ति रोजगार के लिए नहीं भटके तथा उनका समय से मजदूरी का भुगतान किया जाना सुनिश्चित करें। उन्होंने निर्देशित किया है कि कोरोना से बचाव हेतु सभी श्रमिकों को 2-2 मास्क उपलब्ध कराएं, हांथ धोने के लिए साबुन एवं पानी की व्यवस्था करें तथा सोशल डिस्टैंसिंग का भी ध्यान रखें। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करें कि इस आपदा की घड़ी में कोई भी भूखा न रहे एवं सभी मजदूरों को काम मिले।
बैठक में उपसंचालक कृषि के. के. पाण्डेय, कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा हिमांशु तिवारी, सहायक संचालक उद्यान के. एस. चंदेल, सहायक संचालक मत्स्य विभाग आर. एन. पटेल, परियोजना अधिकारी डा. रजनीश तिवारी सहित समस्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के सहायक यंत्री एवं उपयंत्री तथा उद्यानिकी विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।
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