पैरामेडिकल स्टाफ को दी अंतिम चेतावनी, अगर काम पर नहीं आए तो गिरफ्तारी जैसी सख्त कार्रवाई भी की जाएगी

Ticker

6/recent/ticker-posts

Header Ads Widget

पैरामेडिकल स्टाफ को दी अंतिम चेतावनी, अगर काम पर नहीं आए तो गिरफ्तारी जैसी सख्त कार्रवाई भी की जाएगी



पैरामेडिकल स्टाफ को दी अंतिम चेतावनी, अगर काम पर नहीं आए तो गिरफ्तारी जैसी सख्त कार्रवाई भी की जाएगी 



चोइथराम  अस्पताल  रेड एवं ईसीएसआई को किया यलो कैटेगरी में शामिल

इंदौर।
           शहर में कोरोना की स्थिति के बारे में बताते हुए कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है। चूंकि क्वॉरेंटाइन किए गए सस्पेक्टेड केसेज़ से ही ज्यादातर कोविड पॉजिटिव मरीज सामने आ रहे हैं, अतः यह  प्रतीत होता है कि जिला प्रशासन सही दिशा में कार्य कर रहा है।  जिन क्षेत्रों में कोरोना पॉजिटिव मरीज मिल रहे हैं, उन क्षेत्रों की एक निश्चित परिधि तक सभी परिवारों की स्क्रीनिंग की जा रही है। ऐप के माध्यम से डाटा फीड करके डॉक्टर द्वारा रायल टाइम निगरानी रखी जा रही है। अतः करोना से संबंधित लक्षण   पाए जाने पर संबंधित को शीघ्र अस्पताल रेफर किया जा रहा है।

कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने यलो केटेगरी वाले अस्पतालों के संचालकों, डॉक्टरों तथा पैरामेडिकल स्टाफ को आदेश जारी किया है कि वे तत्काल अस्पताल में अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करें। अन्यथा की स्थिति में उन पर कार्यवाही की जाएगी एवं गिरफ्तार कर अस्थाई जेल में भेजा जाएगा।

 उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन ने चोइथराम अस्पताल को रेड कैटेगिरी एवं ईसीएसआई अस्पताल को यलो कैटेगरी में शामिल किया है। चूंकि कोरोना से संक्रमित मरीजों के बढ़ने की संभावना है, अतः पहले से ही तैयारी की जा रही है।  अन्य बीमारियों का इलाज ले रहे मरीजों को तुरंत दूसरी अस्पताल में शिफ्ट किया जा रहा है।

कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने किराने की व्यवस्था के बारे में जानकारी देते हुए  बताया कि प्रशासन इस व्यवस्था का और विकेंद्रीकरण कर रहा है। जिससे कि बिना दुकान खोले ही घर पर सामान पहुंच जाए।

शव यात्रा एवं जनाजे को लेकर उन्होंने बताया कि जैसा टाटपट्टी बाखल क्षेत्र में जनाजा निकलने के बाद ही कई अन्य लोग संक्रमित हो गए थे,इसलिए एक आदेश के द्वारा  स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं की शव यात्रा के साथ अधिकतम पांच व्यक्ति ही जा सकेंगे। एवं अस्पताल में मृत्यु होने पर शव सीधे श्मशान घाट ही ले जाया जाएगा। शव को घर ले जाने की अनुमति नहीं है। इसके अतिरिक्त जिले की सीमा के बाहर भी कोई शव नहीं ले जाया जा सकेगा।

कलेक्टर ने बताया कि कई बड़े अस्पतालों को ग्रीन कैटेगरी अस्पताल में लिया गया है। इसका उद्देश्य है कि अन्य रोगों से पीड़ित व्यक्तियों का इलाज निरंतर सही समय पर चलता रहे। जिला प्रशासन अन्य क्षेत्रों की भी लगातार स्क्रीनिंग  कर रहा है।सैंपलिंग का कार्य भी प्रगति पर है, जिससे कि संदिग्ध प्रकरण सामने आ सकें।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ