जूम एप से महिला-बाल विकास के मैदानी अमले को प्रशिक्षण, 4 हजार प्रतिभागी हुए प्रशिक्षित

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जूम एप से महिला-बाल विकास के मैदानी अमले को प्रशिक्षण, 4 हजार प्रतिभागी हुए प्रशिक्षित




जूम एप से महिला-बाल विकास के मैदानी अमले को प्रशिक्षण, 4 हजार प्रतिभागी हुए प्रशिक्षित
 
भोपाल।

कोविड-19 की जंग में परिस्थितियां सामान्य होने में कितना वक़्त लगेगा, अभी निश्चित नहीं है, लेकिन लॉक-डाउन में महिला-बाल विकास विभाग ने बच्चों, गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य और पोषण के लिए प्रयासों को जारी रखा है। विभाग का मैदानी अमला, विशेषकर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता लगातार अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इस अमले को कोविड-19 की वर्तमान परीस्थितियों और भविष्य की चुनौतियों से निपटने की तैयारी भी कराई जा रही है। 

महिला-बाल विकास विभाग द्वारा अपने मैदानी अमले को 'घर पर रहिए, सुरक्षित रहिए - साथ में सेवाएँ भी देते रहिए'' की संकल्पना के साथ डिजिटल माध्यम का उपयोग करते हुए डिस्टेंस ट्रेनिंग का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस प्रशिक्षण में कोविड-19 और इससे बचाव, पोषण की निरंतरता और आँगनवाड़ियों की आकस्मिक सेवाओं की प्रदाय व्यवस्था को शामिल किया गया है। यूनिसेफ़ के सहयोग से यह प्रशिक्षण ज़ूम एप के माध्यम से आयोजित किया जा रहा है। इस प्रकार सोशल डिस्टेंस का पालन भी हो रहा है।

8 बैच में 4 हजार प्रतिभागी हुए प्रशिक्षित

इस दूरस्थ प्रशिक्षण में विषय विशेषज्ञों के साथ ही प्रमुख सचिव, महिला-बाल विकास श्री अनुपम राजन एवं आयुक्त महिला-बाल विकास श्री नरेश पाल कुमार द्वारा प्रतिभागियों को जानकारी दी जा रही है और उनकी समस्याओं का समाधान किया जा रहा है। अभी तक 8 बैच में लगभग 4000 प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। आगामी दिनों में सभी जिला कार्यक्रम अधिकारियों, सहायक संचालकों, परियोजना अधिकारियों, पर्यवेक्षकों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य है। प्रशिक्षण के अगले चरण में प्रदेश की सभी आँगनवाड़ियों, मिनी आँगनवाड़ी के माध्यम से लाखों हितग्राहियों को कोविड-19 की परिस्थितियों से निपटने की तैयारी कराई जाएगी। प्रदेश के सभी 51 वन स्टॉप सेंटर पर लॉक-डाउन के दौरान सभी सेवाओं की निरंतरता और परामर्श आदि देने के लिए भी ज़ूम एप के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

बच्चों को वीसी द्वारा दिया जा रहा प्रशिक्षण

प्रदेश के सभी बाल गृहों के लगभग 3000 बच्चों को लॉक-डाउन के दौरान वीडियो कांफ्रेंसिंग से समय-समय पर परामर्श और रचनात्मक गतिविधियों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बच्चों को स्वच्छता, स्वास्थ, खान-पान की आदत, उचित पोषण, सुरक्षा और संरक्षण से संबंधित जानकारी भी दी जा रही है। जवाहर बाल भवन द्वारा नाट्य प्रभाग की ओर से एक सप्ताह की ऑनलाइन अभिनय कार्यशाला भी शुरू की गई। इसके अलावा, ग्रुप वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से वॉयस मॉडयूलेशन का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।

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