कोरोना संक्रमण के ख़तरे को देखते हुए, लोक शिक्षण संचालनालय की पहल,13 अप्रैल से ऑनलाइन कक्षाए प्रारम्भ

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कोरोना संक्रमण के ख़तरे को देखते हुए, लोक शिक्षण संचालनालय की पहल,13 अप्रैल से ऑनलाइन कक्षाए प्रारम्भ




कोरोना संक्रमण के ख़तरे को देखते हुए, लोक शिक्षण संचालनालय की पहल,13 अप्रैल से ऑनलाइन कक्षाए प्रारम्भ


सीधी।
पूरे प्रदेश के साथ-साथ सीधी जिले में भी कोरोना  संक्रमण के खतरे को देखते हुए लाक डाउन जारी है तथा बोर्ड परीक्षाएं रोक दी गई है। इसके साथ ही अप्रैल महीने में लगने वाली कक्षाएं भी संचालित नहीं हो पा रही है। ऐसे में विद्यार्थियों की शिक्षा की निरंतरता बनाए रखने के उद्देश्य से डिजिटल शिक्षा पर जोर दिया जा रहा है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने चर्चा में बताया कि विभागीय निर्देश के अनुसार प्राचार्यो की ऑनलाइन जूम एप से बैठक लेकर निर्देशित किया जा रहा है ।शासन के निर्देशानुसार 13 विषय के विषयवार शिक्षको के व्हाट्सप्प ग्रुप ज़िले मे बनाए गए है। सभी स्कूल कक्षा वार व्हाट्सएप ग्रुप बनाए है, जिसमें छात्र अथवा पालक को जोड़ा गया है । 13 अप्रैल 2020 से राज्य स्तर से शिक्षण सामाग्री प्राप्त होगी जिसे प्राचार्य अपने-अपने विद्यालय के कक्षा अनुसार व्हाट्सएप ग्रुप मे विद्यार्थियों को उपलब्ध कराएंगे।

 एपीसी डा. सुजीत कुमार मिश्रा ने बताया कि लोक शिक्षण संचालनालय के निर्देश प्राप्त हुए हैं कि व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर विद्यार्थियों तक ऑनलाइन वीडियो ऑडियो पीडीएफ फाइल में शिक्षण सामग्री पहुंचाई जाए। इसके लिए तैयारी शुरू कर दी गई है। कोरोना वायरस संक्रमण के कारण जूम ऐप के माध्यम से घर में ही रहकर विद्यालयों के प्राचार्यो की वीसी  अलग-अलग समय  पर कर निर्देशों से अवगत कराया गया।

 वीडियो कांफ्रेंसिंग में रीवा संभाग के संयुक्त संचालक अंजनी कुमार त्रिपाठी, जिला शिक्षा अधिकारी नवल सिंह, एडीपीसी अशोक तिवारी, एपीसी सुजीत कुमार जिला, उत्कृष्ट विद्यालय के प्राचार्य शंभू नाथ त्रिपाठी, सहित समस्त प्राचार्य शामिल हुए।

 छात्र-छात्राएं किताबी ज्ञान से वंचित ना रहे। इसके लिए उन्हें सलाह दी गयी है कि वो कहीं भी हों नाना-नानी के पास, दादा-दादी के पास,  रोज एक दो-पेज अँग्रेजी, हिन्दी और गणित विषय जरूर लिखे। जो भी किस्से-कहानी सुने उसे लिखे, महापुरुषों के अनछुए पहलू पर चर्चा हो, नैतिक शिक्षा पर भी बल दिया जाए लोक कलाओं के बारे में लिखना और उसे संजोकर रखने की परंपरा छात्रों में ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से डाली जाए।

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