मध्यप्रदेश में सियासी घमासान के बीच देर रात कमलनाथ से मिले भाजपा के तीन विधायक, एक ने दिया इस्तीफा

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मध्यप्रदेश में सियासी घमासान के बीच देर रात कमलनाथ से मिले भाजपा के तीन विधायक, एक ने दिया इस्तीफा




मध्यप्रदेश में सियासी घमासान के बीच देर रात कमलनाथ से मिले भाजपा के तीन विधायक, एक ने दिया इस्तीफा



भोपाल।

 मध्य प्रदेश की राजनीति में 3 मार्च मंगलवार से गर्मा गई है सियासी ड्रामा लगातार जारी है। गुरुवार देर रात को भाजपा  विधायक नारायण त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात की थी। जिसे भाजपा के लिए एक बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है। आपको बता दें कि, गुरुवार शाम को कांग्रेस विधायक हरदीप सिंह डंग के इस्तीफे की खबरें सामने आई थीं। जिससे कांग्रेस पार्टी में हड़कंप मच गया था। हालांकि सीएम कमलनाथ ने इस्तीफे की खबरों का खंडन किया है।

भाजपा के तीन विधायक मिले मुख्यमंत्री से:-

 भाजपा के तीन विधायक शरद कौल, संजय पाठक और नारायण त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात की, जिसके बाद मैहर से विधायक नारायण त्रिपाठी ने विधायकी से इस्तीफा दे दिया। वहीं, हालांकि विधायक त्रिपाठी ने इस्तीफा देने से अभी इंकार किया है। माना जा रहा है कि यह तीनों विधायक आज कांग्रेस में शामिल होंगे। विधायकों की मुलाकात के बाद राज्य में राजनीति सरगर्मी और ज्यादा बढ़ गयी है। भाजपा ने अब कांग्रेस पर उसके विधायक तोड़ने का आरोप लगाया है।
मीडिया की बातचीत पर इस्तीफे से  ने किया इनकार:-

सीएम हाउस से बाहर निकल निकलकर रात 12 बजे नारायण त्रिपाठी ने मीडिया को देख गाड़ी रुकवाई लेकिन उन्होंने इस्तीफे से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि एक विधायक सीएम से क्यों मिलने जाएगा, मैं अपने विधानसभा क्षेत्र मैहर के विकास और रुके हुए कामों के लिए मिलने गया था। मीडिया ने जब उनसे पूछा कि, वह किस पार्टी के प्रति निष्ठा रखते हैं तो त्रिपाठी ने कहा कि,जो सर्वधर्म समभाव, वसुधैव कुटंबकम की चर्चा करता है, उसी के साथ हूं।

सत्ता का अंक गणित:-

सदन की प्रभावी संख्या: 220
बहुमत का आंकड़ा: 110
8 कांग्रेसी इस्तीफा देंगे तो कांग्रेस की संख्या 106 हो जाएगी।
भाजपा की प्रभावी संख्या: 107
नारायण त्रिपाठी, शरद कोल कांग्रेस में जाते हैं तो भाजपा विधायक 105 होंगे। 
यानी कांग्रेस 106, भाजपा 105, इस सूरत में अन्य 7 की भूमिका अहम।


 संजय पाठक और नारायण त्रिपाठी को खनन कारोबारी के रूप जाना जाता है:-

संजय पाठक और नारायण त्रिपाठी को मध्य प्रदेश में बड़े खनन कारोबारी के रूप में जाना जाते है। मंगलवार की रात मध्य प्रदेश में सियासी ड्रामा शुरू हुआ तो कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने बीजेपी विधायक संजय पाठक का नाम खुले तौर पर लिया था। माना जा रहा है कि इसी के बाद संजय पाठक की जबलपुर सहित कई खदानों पर छापेमारी की गई।

संजय पाठक बीजेपी से पहले कांग्रेस में रहे हैं और उनके कमलनाथ सहित कई नेताओं से रिश्ते अच्छे रहे हैं। नारायण त्रिपाठी और शरद कोल तो पिछले साल से ही बागी रुख अख्तियार किए हुए हैं, लेकिन कमलनाथ से मुलाकत के बाद तीसरे नाम संजय पाठक का जुड़ रहा है।

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