कोरोना वायरस के उपचार के लिये सभी व्यवस्थायें मुस्तैद रखने के कलेक्टर ने दिए निर्देश
सीधी।
जिला चिकित्सालय में कोरोना वायरस हेतु आईसोलेशन वार्ड तैयार करें - कलेक्टर श्री चौधरी
कलेक्टर रवीन्द्र कुमार चौधरी ने कोरोना वायरस के उपचार के लिये सभी व्यवस्थायें मुस्तैद रखने व लोगों को उससे बचाव हेतु जागरूक करने के निर्देश दिए हैं। कोरोना वायरस की रोकथाम हेतु आयोजित बैठक में कलेक्टर श्री चौधरी ने जिला चिकित्सालय में कोरोना वायरस हेतु आईसोलेशन वार्ड तैयार करने एवं नर्सिंग हास्टल में संदिग्ध मरीजों के स्वास्थ्य परीक्षण हेतु क्वाराईनटाइम बनाने के निर्देश दिए हैं। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आर. एल. वर्मा, सिविल सर्जन डॉ. एस. बी. खरे सहित जिला चिकित्सालय के चिकित्सक एवं स्टाफ उपस्थित थे।
कलेक्टर श्री चौधरी ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तथा सिविल सर्जन को निर्देश दिये कि जिले में विदेश व अन्य बड़े शहरों से आने वाले व्यक्ति की सूचना मिलने पर उसे आइसोलेशन में रखकर उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित करायें। प्रायवेट नर्सिंग होम में भी आइसोलेशन प्रोटोकॉल का पालन करते हुए वार्ड सुनिश्चित रखे जाये तथा चिकित्सकीय स्टाफ को मास्क, पी.पी. किट आदि पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करायी जाये। उन्होंने जिला शीघ्र हस्तक्षेप केन्द्र जिला चिकित्सालय के पास वाली जगह मे स्टाफ ( डाक्टर/पैरामेडीकल स्टाफ) को रूकने की व्यवस्था की जावे।
कोरोना वायरस से बचाव के लिए लोगों को जागरुक करने के निर्देश:
कलेक्टर श्री चौधरी ने कहा कि प्रदेश के साथ जिले के नागरिकों को कोरोना वायरस के लक्षणों और उसके संक्रमण से बचने के लिए लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा एजवाइजरी (सलाह) जारी की गई है। उन्होंने लोगों को कोरोना वायरस से बचाव के लिए जागरुक करने के निर्देश दिए हैं।
एडवाइजरी (सलाह) के अनुसार कोरोना वायरस विषाणुओं का समूह है जिससे सामान्यतः जानवरों में बीमारियाँ होती है। कभी-कभी ये मनुष्यों में संक्रमण करता है। मनुष्यों में इसके लक्षण सर्दी, खाँसी एवं बुखार, सिरदर्द, गले में खराश इत्यादि के रूप में हो सकते हैं। छोटे बच्चों और व्यक्तियों सहित ऐसे व्यक्तियों में जिनमें प्रतिरक्षण की क्षमता कम होती है, में यह वायरस निमोनिया, ब्रोंकाइटिस इत्यादि गंभीर बीमारियाँ उत्पन्न करता है। एडवाइजरी के अनुसार कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति के खाँसने या छींकने से हवा द्वारा फैलता है। संक्रमित व्यक्ति के निकट संपर्क, छूने या हाथ मिलाने और संक्रमित सामग्रियों के संपर्क में आने के बाद आँख या नाक को छूने से भी यह फैलता है। सामान्य रोकथाम एवं बचाव के लिए खांसने व छींकते समय रुमाल या कोई कपड़ा मुंह पर रखना चाहिए। यदि रुमाल कपड़ा न हो तो कम से कम हाथों को मुंह व नाक के सामने रखना चाहिए, ताकि खांसी/छींक के माध्यम से वायरस वातावरण में न फैले। वार्तालाप करते समय लोगों से उचित दूरी बनायें रखें ताकि थूंक आदि के संक्रमित कण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में न पहुँचे। कम से कम लोगों से हाथ मिलायें। हाथ मिलाने के बाद तथा किसी संक्रमित वस्तु को छूने आदि के बाद हाथ अवश्य धोयें। भोजन ग्रहण करने से पहले हाथों को यथासंभव साबुन या विसंक्रामक घोल से धोयें। उपरोक्त लक्षणों के प्रकट होने की स्थिति में भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर जैसे, बाजार, मेले आदि स्थानों पर जाने से परहेज करें।
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