पाँचवी, आठवीं, दसवीं और बारहवीं कक्षा की वार्षिक परीक्षाएँ पूर्व निर्धारित कार्यक्रम अनुसार होंगी
सीधी।
स्कूल शिक्षा विभाग ने नोवल कोरोना वायरस के संबंध में जारी दिशा-निर्देशों के संबंध में स्पष्टीकरण जारी करते हुए निर्देश प्रसारित किये हैं कि प्रदेश में शासकीय विद्यालयों में पाँचवी एवं आठवीं कक्षा की वार्षिक परीक्षाएँ पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार होंगी। इसी तरह, कक्षा दसवीं और बारहवीं की वार्षिक परीक्षाओं (चाहे वे किसी भी सक्षम बोर्ड/प्रबंधन के तत्वावधान में आयोजित की जा रही हों) का आयोजन यथावत पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार किया जायेगा।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा आज जारी नवीन दिशा-निर्देशों के अन्तर्गत कोरोना वायरस रोग को महामारी घोषित किये जाने के फलस्वरूप सभी स्कूल और कॉलेज को 31 मार्च 2020 तक बंद किये जाने का निर्णय लिया गया है। प्रसारित निर्देशों में कहा गया है कि इस अवधि में समस्त शासकीय विद्यालयों में समस्त शिक्षकीय और गैर शिक्षकीय स्टाफ विद्यालय में उपस्थित रहकर यथावत शासकीय/अकादमिक कार्य संपादित करेंगे। समस्त निजी विद्यालय अपने शिक्षकीय एवं गैर शिक्षकीय स्टाफ की विद्यालय में उपस्थिति के संबंध में अपने स्तर पर स्वविवेक से समुचित निर्णय ले सकेंगे।
मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना अंतर्गत 1 एचपी से लेकर 7.5 एचपी के सोलर पम्प हेतु मिलेगा सहयोग
योजना के क्रियान्वयन हेतु कलेक्टर ने दिए निर्देश
सीधी।
मध्यप्रदेश शासन द्वारा मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना के तहत् प्रदेश के 02 लाख कृषकों को सिंचाई हेतु सोलर पम्प स्थापना की योजना स्वीकृत की गई है। सोलर पम्प की स्थापना से कृषकों को ऐसे क्षेत्र जहाँ विद्युत ग्रिड की पहुँच नहीं है, वहाँ भी सिंचाई के साधन उपलब्ध हो सकेंगे मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना कृषकों को सिंचाई का स्थाई स्त्रोत प्रदत्त करने के साथ ही उन्हें आत्म निर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस योजना में कृषकों को पहली बार 7.5 एच.पी. का पम्प भी अनुदान पर दिए जाने का भी प्रावधान रखा गया है, जिससे उस क्षेत्र के कृषकों को भी सोलर पम्प का लाभ मिल सकेगा, जहाँ बोर की गहराई अधिक है।
मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना के तहत् आवेदन पोर्टल www-cmsolarpump-mp.gov.in के माध्यम से किये जायेगें एवं कृषक को पंजीयन के समय राशि 5 हजार रूपये जमा करने होंगे तथा शेष राशि सर्वे उपरांत कृषक की उपयोगिता व योग्य क्षमता के सोलर पम्प चयन करके देय करनी होगी। योजनांतर्गत एक एच.पी. से लेकर 5 एच.पी. क्षमता के लिए डी.सी. पम्प उपलब्ध कराये जायेंगे तथापि 7.5 एच.पी. क्षमता में ए.सी. एवं डी.सी दोनों प्रकार के पम्प प्रावधानित हैं।
सोलर पम्प के प्रकार एवं उसमें हितग्राही (कृषक) अंशदान राशि का विवरण
मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना अंतर्गत 1 एच.पी. डी.सी. सोलर पम्प हेतु कृषक का अंशदान 19 हजार रूपये, 2 एच.पी. डी.सी. सरफेस सोलर पम्प हेतु कृषक का अंशदान 23 हजार रूपये, 2 एच.पी. डी.सी. सबमर्सिबल सोलर पम्प हेतु कृषक का अंशदान 25 हजार रूपये, 3 एच.पी. डी.सी. सोलर पम्प हेतु कृषक का अंशदान 36 हजार रूपये, 5 एच.पी. डी.सी. सोलर पम्प हेतु कृषक का अंशदान 72 हजार रूपये तथा 7.5 एच.पी. डी.सी. सोलर पम्प एच.पी. ए.सी. सोलर पम्प हेतु कृषक का अंशदान एक लाख 35 हजार रूपये योजनांतर्गत नियत किया गया है।
इस योजना के तहत प्रदेश के समस्त कृषक पात्र होंगे, तथापि सोलर पम्प का लाभ इस शर्त पर दिया जाएगा कि कृषक की कृषि भूमि के उस खसरे/बटांकन पर भविष्य में विद्युत पम्प लगाए जाने पर उसको विद्युत प्रदाय पर कोई अनुदान देय नहीं होगा कृषक द्वारा यह स्वप्रमाणीकरण भी दिया जाएगा कि वर्तमान में कृषक के उस खसरे/खसरे बटांकन की भूमि पर विद्युत पम्प संचालित/संयोजित नहीं हैं तथापि, यदि सम्बन्धित कृषक उक्त विद्युत पम्प का कनेक्शन विच्छेद करवा लेता है अथवा उस पर प्राप्त अनुदान छोड़ देता है, तब उसे सोलर पम्प पर अनुदान दिया जा सकता है।
योजना का क्रियान्वयन मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम के जिला अक्षय ऊर्जा अधिकारी के माध्यम से किया जाएगा। इस तारतम्य में कलेक्टर रवीन्द्र कुमार चौधरी ने क्षेत्र के कृषकों को मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना के संदर्भ में लक्ष्यों को प्राप्त करने हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, उप संचालक कृषि विभाग, सहायक संचालक उद्यानिकी, उपायुक्त सहकारिता, महाप्रबंधक सहकारी बैंक को सुनियोजित कार्ययोजना बनाकर क्रियान्वयन करने के निर्देश दिए हैं।
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