10वीं की छात्रा की बदल दी गई थी आंसरशीट, सात अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज
भोपाल।
माध्यमिक शिक्षा मंडल, भोपाल में भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने 10वीं के परीक्षार्थियों की आंसरशीट ही बदल दी। हाईकोर्ट में याचिका दाखिल हुई और बैंच ने मामले की गंभीरता से लिया तब कहीं जाकर खुलासा हो सका। एमपी बोर्ड के खिलाफ 10वीं की छात्रा ने याचिका दाखिल की थी। उसे गणित में 10 नंबर दिए गए थे, जबकि छात्रा अपनी कक्षा की टॉपर थी। जब जांच की गई तो पाया गया कि उसके 93 नंबर थे परंतु उसकी आंसरशीट बदल दी गई थी।
जस्टिस सुबोध अभ्यंकर ने कहा कि छात्रा की कोई गलती नहीं होते हुए भी उसे कोर्ट में याचिका दायर करनी पड़ी। तनाव में इतना समय काटना पड़ा। इसके लिए कहीं न कहीं बोर्ड जिम्मेदार है। छात्रा न केवल अदालती खर्च वरन हर्जाना पाने की भी हकदार है। कोर्ट ने माशिमं को एक माह के भीतर छात्रा को 30 हजार रुपए बतौर हर्जाना भुगतान करने के आदेश दिए।
पिछले वर्ष सत्र, 2019- 2020 में सिलवानी की रहने वाली खुशी सोनी ने दसवीं की बोर्ड परीक्षा दी थी। जब रिजल्ट आया, तो उसके होश उड़ गए। उसे गणित में पूर्णाक 100 में से 10 अंक मिले थे। छात्रा सीधे हाईकोर्ट पहुंची। याचिका दायर कर खुशी ने कोर्ट से अपील की कि उसकी उत्तर पुस्तिका किसी से बदली गई है। इसकी जांच कराएं। कोर्ट ने माध्यमिक शिक्षा मंडल से जांच कराई तो पता चला कि खुशी की पूरी आंसरशीट एक अन्य छात्रा रजनी हरदयाल से बदल दी गई थी।
इन अधिकारियों के खिलाफ मामला हुआ दर्ज :-
इन्हें देखकर बोर्ड के ओआईसी इब्राहिम नंद से पूछा- जिसने अंकसूची बदलने का अनैतिक कार्य किया है, उसे क्या सजा दी गई। नंद ने बताया कि सिलवानी के पुष्पा हाईस्कूल में बने परीक्षा केंद्र में दोनों छात्राओं की कॉपी में अंकित एनरोलमेंट नंबर के आखिरी दो अंक बदल दिए गए थे। मामले में केंद्राध्यक्ष पीके नीखरा, सहायक केंद्राध्यक्ष शरद मालवीय, पर्यवेक्षक ललित शाक्य, मूल्याकंन अधिकारी अनिल खंतवाल, मुख्य परीक्षक महेंद्र सिंह रघुवंशी, उपमुख्य परीक्षक महेंद्र जैन और परीक्षक राजाराम सेन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है।
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