डूब प्रभावितों के समस्या को लेकर आयोजित हुई शिविर,सिंचित जमीनों को बताया गया है असिंचित,परिसंपत्तियों में भी गोलमोल

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डूब प्रभावितों के समस्या को लेकर आयोजित हुई शिविर,सिंचित जमीनों को बताया गया है असिंचित,परिसंपत्तियों में भी गोलमोल




डूब प्रभावितों के समस्या को लेकर आयोजित हुई  शिविर,
सिंचित जमीनों को बताया गया है असिंचित,परिसंपत्तियों में भी गोलमोल 


क्रांतिकारी मोर्चा के आंदोलन पर सुरु हुई कार्यवाही 

मझौली :-

सीधी जिला के गुलाब सागर बांध की ऊंचाई बढ़ाने के चलते तहसील क्षेत्र मझौली के दर्जनभर ग्रामों के किसानों की जमीनों का अधिग्रहण सिंचाई विभाग गुलाब सागर परियोजना के द्वारा जरिए राजस्व विभाग अधिग्रहण की कार्रवाई की गई है  जहां अवार्ड पत्रक तैयार किए जाने के समय विभागीय अधिकारी- कर्मचारियों द्वारा भारी गड़बड़ी की गई है।
प्रभावित किसानों की माने तो  जिस समय अधिग्रहित की जाने वाली जमीनों का सर्वे कार्य किया जा रहा था उस समय कमीशन की मांग पूरी न करने के चलते सिंचित जमीनों को असिंचित दर्ज कर दिया गया वहीं भूमियों में परि संपत्ति जैसे मकान,पेड़ पौधे बगैर थे उन्हें भी निरंक दर्ज कर दिया गया है नतीजन किसानों को काफी कम मुआवजा  स्वीकृत किया गया जिससे किसानों में काफी असंतोष और आक्रोश पनपने लगा है जिसके फलस्वरूप प्रभावित  किसान आंदोलन की राह पर चलने को मजबूर हुए जहां गत 10 फरवरी से कलेक्ट्रेट कार्यालय सीधी में प्रभावित किसानों ने टोको-रोको-ठोंको क्रांतिकारी मोर्चा के बैनर तले  धरना प्रदर्शन किया जिसके तहत 17 फरवरी को डूब प्रभावित ग्राम सेंधवा में शिविर का आयोजन कलेक्टर सीधी के निर्देश पर आयोजित  गया जहां अजय कौशिक अनुविभागीय अधिकारी महान शीर्ष कार्य उप संभाग खड्डी  उपस्थित रहे वहीं राजस्व विभाग से प्रभावित ग्रामों के हल्का पटवारी एवं प्रभावित स्थानीय किसान एवं ग्रामीण जन शामिल रहे।जहां कई किसानों के द्वारा  मुआवजा वितरण के संबंध में शिकायत की गई वही अनुविभागीय अधिकारी द्वारा ऐसे किसानों को चिन्हित किया गया जिनकी जमीन डूब क्षेत्र में आती है लेकिन अधिग्रहण की कार्यवाही नहीं की गई है जिसके संबंध में संबंधित किसानों को सूचित किया गया कि अपना रजिस्ट्रेशन करा दें ताकि समय से अधिग्रहण की कार्रवाई संपादित हो सके एवं उनके खाते में मुआवजा की राशि आ जाए।प्रभावित किसानों द्वारा कलेक्टर जिला सीधी के नाम लिखित आवेदन देखकर मांग की गई है कि जिन सिंचित जमीनों को असिंचित दर्ज किया गया है उनको जांच करा कर सिंचित दर्ज कर उसी अनुपात से मुआवजा दिया जाए वही जिन जमीनों में परिसंपत्ति मौजूद है उनका मुआवजा स्वीकृत है लेकिन अभी तक किसानों के खाते में राशि  नहीं आई है जिसे जारी किया जाए और जिन भूमियों में सह खातेदार हैं लेकिन एक ही खातेदार के नाम पर राशि जारी कर दी गई है उसकी जांच कराकर सभी खातेदारों को मुआवजा की राशि वितरण कराई जाए और जिन भूमियों में दो या तीन पीढ़ी से लोग आवाद हैं भले ही वह जमीन म प्र  शासन की हो लेकिन भूमि में स्थित पर संपत्ति का मुआवजा दिलाया जाए। 

अवार्ड पत्रक बनाने में काफी गड़बड़ी की गई है जहां सिंचित जमीनों को असिंचित बनाया गया है वहीं परिसंपत्तियों में भी निष्पक्ष जानकारी दर्ज न किए जाने से विसंगति है वहीं मध्यप्रदेश शासन में आबाद लोगों को परि सम्पत्ति का मुआवजा दिया जाना चाहिए इन तमाम विसंगत को लेकर कई बार हम लोगों द्वारा आंदोलन भी किया गया है और आज शिविर में इसी आशय का आवेदन भी दिया गया है।

श्रीपाल सिंह गोंड़ प्रभावित किसान 

स्थानीय विसंगतियों के बारे में किसानों द्वारा मौखिक और लिखित जानकारी दी गई है जिसे जिला कलेक्टर के पास पूरी जानकारी अवगत कराई जाएगी और उन्हीं के आदेशानुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।शिविर का आयोजन इसी आशय से किया गया है।
अजय कौशिक अनुविभागीय अधिकारी महान शीर्ष कार्य उप संभाग खड्डी

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