नर्सिंग होम, क्लीनिक एवं पैथालाजी सेंटरों को देनी होगी नियमित जानकारी, उपलब्ध नहीं कराने पर पंजीयन होगी निरस्त
सीधी।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बी. एल. मिश्रा ने जानकारी कर बताया है कि मध्यप्रदेश उपचर्यागृह तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनाएं (रजिस्ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन) नियम 1997 मे निहित प्रावधान अनुसार समस्त रजिस्ट्रीयकृत संस्थाओं द्वारा अभिलेख संधारण तथा रिपोर्ट प्रेषित करना होता है।
उक्त रिपोर्ट में नियम 14 के अन्तर्गत उपचर्यागृह में भर्ती किए गए रोगियों या पैदा हुए शिशुओं का अभिलेख प्रारूप घ/फार्म ‘‘डी’’ में संधारित किया जाना है। नियम 15 के अन्तर्गत रूजोपचार संबंधी स्थापना मे परीक्षण या उपचार किये गये रोगियों का अभिलेख प्रारूप डं./फार्म ‘‘ई’’ में संधारित किया जाना है। नियम 16 के अन्तर्गत उपचर्यागृह मे रोगी की मृत्यु हो जाने की सूचना मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्धारित विवरण सहित दिया जाना है। नियम 19 (1)(2)(3) के अन्तर्गत क. 19(1) के अन्तर्गत सांसर्गिक या संक्रामक/अधिसूचनीय रोगो के सम्बन्ध मे तत्काल अधिकृत अधिकारी को रिपोर्ट किया जाना। 19(2) के अन्तर्गत सांसर्गिक या संक्रामण/अधिसूचनीय रोगो की विहित प्रोफार्मा मे मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को मासिक रिर्पोट प्रस्तुत करना। 19(3) के अन्तर्गत राष्ट्रीय कार्यक्रमों की मासिक रिपोर्ट विहित प्रोफार्मा के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को प्रस्तुत करना।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिश्रा ने समस्त नर्सिंग होम, क्लीनिक एवं पैथालाजी सेंटर संचालकों को निर्देशित किया है कि उपरोक्त निर्देशों का पालन कड़ाई से पालन करें एवं प्रत्येक माह की 5 तारीख तक जानकारी कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी में नियमित रूप से भिजवाना सुनिश्चित करें। अन्यथा की स्थिति में संबंधित संस्था का निरीक्षण किये जाने पर निर्देशों की अवहेलना पाये जाने की स्थिति मे पंजीयन निलम्बित किये जाने या निरस्त किये जाने की कार्यवाही की जावेगी।
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