आजादी के सात दशक वाद भी पानीं की बूंद- बूंद को तरस रहे लोग, नदी नहरों एवं गड्ढे के पानी से प्यास बुझा रहे लोग
गावों में पानी पीने के लिए तरस रहे लोग
समस्या पर गंभीर नहीं जिम्मेदार
मझौली / मड़वास।
आजदी के सात दसक बाद भी लोगों को नदी नहरों एवं बाउली के पानी पीकर प्यास वुझाने के लिए मजबूर है जिम्मेदार इन समस्याओं को लगातर नजर अंदाज करते आ रहे हैं जिले में जलसंकट गहरानें लगा है धीरे-धीरे जलस्तर खिसकने लगा है।
आपको बताते चलें कि सीधी जिले के मझौली जनपद अन्तर्गत ग्राम पंचायत अमहिया के ग्राम अमहा, धनौर एवं ग्राम पंचायत नदहा के ग्राम सोनवर्षा में लगभग 20 परिवार आदिवासी, हरिजन एवं पिछडा वर्ग परिवार नदी,नहर एवं वाउली का पानी - पीने को मजबूर है , जिससे संवधित परिवारों को कई को जघन्य लाइलाज बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है लेकिन जिम्मेदार मूकदर्शक वने हुए हैं।
ग्रामीणों का दर्द👇👇
1. पानी की बहुत बड़ी समस्या है ना तो हम लोगों को और ना ही मवेशियों को पानी उपलब्ध हो पाता जिससे हम लोग गड्ढे का पानी पीने को मजबूर हैं।
कौशल्या बाई
धनौर
2. 20 साल से हम लोग गड्ढे के पानी पीने को मजबूर हैं गंदा पानी पीने से कई बीमारियां हो रही है।
बाबूलाल कोल
धनौर
3. गांव में हैंड पंप अकुआ उपलब्ध ना होने के कारण नहर का पानी पीने के लिए मजबूर हैं जिससे कई लाइलाज रोगों से ग्रसित होते रहते हैं शासन से मांग है कि हम लोगों को हैंडपंप मुहैया करवाए।
संतोष केवट
अमहा
4. हम सबकोउ 20 साल से इया नदी के पानी पीत हैंन, सबसे कहि चुकेंन त कहत है कि होइ जई लेकिन आज तक कउनउ सुविधा नहीं कराईन।
जयलाल कोल
सोनवर्षा
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