72 दिन बाद कब्र से बाहर निकाला गया मृतक प्रेमी का शव, प्रेमिका ने कब्र की हटाई मिट्टी

Ticker

6/recent/ticker-posts

Header Ads Widget

72 दिन बाद कब्र से बाहर निकाला गया मृतक प्रेमी का शव, प्रेमिका ने कब्र की हटाई मिट्टी






72दिनों बाद कब्र से बाहर निकाला गया मृतक प्रेमी का शव, प्रेमिका ने कब्र की हटाई मिट्टी



  सीधी/ कुसमी :-

मध्यप्रदेश के सीधी जिला मुख्यालय से 80 किलोमीटर दूर कुशमी थाना अन्तर्गत पुलिस चौकी पोड़ी के ग्राम पंचायत कमछ (करौंटी) के सारिसताल टोला निवासी युवती को रान्ग नम्बर से हुई पहचान, और मोबाइल से उमड़े प्यार की कीमत मुस्लिम समुदाय के सतना जिला अन्तर्गत रामनगर थाना के ग्राम मिरगौती के युवक को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी है। मामले में युवक की प्रेमिका ज्ञानू सिंह (परिवर्तित नाम) पिता सूरजभान सिंह गोंड उम्र 25 वर्ष निवासी ग्राम पंचायत कमछ (करौंटी) ने बताया कि मेरी और मृतक इन्साफ मोहम्मद खान पिता रब्बान मोहम्मद खान उम्र 26 वर्ष निवासी हाकिम मिरगौती थाना रामनगर जिला सतना की पहचान अनचाही कॉल के दौरान हम दोनों में जान-पहचान हुई थी। और फिर मोबाइल के माध्यम से मोहब्बत हो गई थी। इस बीच मृतक मुझे दो बार हैदराबाद ले गया था। और वापस आने पर वह मेरे ही घर में रहता था। यह वाकया फरवरी 2017 से अनवरत चलता रहा है। इसी बीच 6 दिसंबर को हम दोनों के बीच रात्रि विवाद हुआ। तथा 7 दिसंबर को मृतक दोपहर तकरीबन 2 बजे मेरी मां मवेशी चराने जंगल चली गई थी। और मैं लकड़ी लेने गई थी। उसी दौरान प्रेमी फांसी लगा लिया। और जब मैं जंगल से वापस आई तो प्रेमी के गले में फंदा लगा हुआ था, और जमीन में दीवाल के सहारे टिका हुआ था। देखने पर पता चला कि प्रेमी की मौत हो गई थी। बताया कि हंसिया से फांसी काटकर घर के अन्दर एक छोटे से कमरे मे रात 11 बजे से गड्ढा खोदना शुरू किया तथा रात्रि तकरीबन 3 बजे उसी गड्ढे मे दफना दिया, और मिट्टी से पाटकर ऊपर से कोदौ का पुआल डाल दिया। युवती ने बताया मृत आत्मा से परेशान होकर दो माह बाद प्रेमिका मृतक प्रेमी के घर 15 फरवरी को सूचना देने पहुंच गई। जिसके बाद रामनगर थाना प्रभारी ने कुशमी थाना प्रभारी बीयन योगी को सूचना देकर घटना की तस्दीक करने करने कहा।
तत्पश्चात 17 फरवरी को युवती के घर पहुंच कर घटना की तस्दीक नायब तहसीलदार कुशमी मणिराज सिंह बागरी, यसडीओपी कुशमी अभिनव कुमार बांद्रे, टीआई कुशमी बीयन योगी, चौकी प्रभारी पोड़ी आकांक्षा पाण्डेय यफयसयल टीम सिंगरौली द्वारा देर शाम की गई थी। शाम हो जाने के कारण शव को गड्ढे से नहीं निकाला जा सका। गत मंगलवार को सुबह सभी अधिकारियों तथा मृतक के परिजनों सहित सैकड़ों ग्रामीणों की मौजूदगी में प्रेमिका और उसकी मां ने मिट्टी हटाकर तकरीबन दो घंटे बाद चादर से बंधा हुआ शव गड्ढे से बाहर निकाला गया। तत्पश्चात घटना स्थल का मौका पंचनामा तैयार करते हुए शव को पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल कॉलेज रीवा के परिजनों को सौंप दिया गया है।

आधार कार्ड में बदलवाया नाम:-



मृतक द्वारा आधार कार्ड में अपना नाम बदलकर राजू सिंह पिता विनय सिंह सोंटिया के नाम से फर्जी आधार कार्ड बनवाया गया था। जबकि आधार कार्ड में मृतक का पता सही अंकित किया गया था। मृतक युवती से अपने आप को अनाथ होना बताया था।


सपने में सताया तो पहुंची मृतक के घर:-


युवती ने बताया कि मृत्यु के बाद से मृतक की आत्मा मुझे सताने लगी। और सपने में मृतक आकर रोज यही कहता था कि मैं फांसी लगाकर मर गया और तुम मेरा क्रियाकर्म मुस्लिम रीति-रिवाज से नहीं की हो, और ना ही मेरे घर वालों को ही सूचना दी हो। तुम मेरे गांव जाकर मेरे घर वालों को सूचना दे दो। नहीं तो मैं तुम्हें हमेशा परेशान करता रहूंगा। जिससे मैं परेशान होकर बीते 15 फरवरी को प्रेमी के पिता के नाम और गांव का पता करते हुए मृतक के घर पहुंची और बताया कि आपका लडका फांसी लगाकर मर गया है। जिसे मैं गड्ढा खोदकर अपने ही घर में दफना दी हूं। चलकर अपने लड़के की लाश ले आओ। जिसकी सूचना थाना रामनगर जिला सतना को दी गई। और लड़की को वापस उसके घर करौंटी भेज दिया गया।



एक दिन पहले रात में हुआ था झगड़ा:-


मृतक की प्रेमिका ने बताया कि 6 दिसंबर को रात मेरे पैर में दर्द हो रहा था। जिसके कारण मैं पैर में सेंक कर रही थी। तो मृतक बोला की सो जाओ रात हो गई है। जिस पर मैंने कहा कि मेरे पैर में दर्द हो रहा है मैं सेंक कर रही हूं, तुम सो जाओ मैं बाद में सो जाऊंगी। जिससे मृतक भड़क गया और आग जलाने वाली गोरसी को उठाकर पटक दिया, और मेरा गला दबाने लगा तो मैं चिल्लाने लगी, तब डंडा लेकर मुझे मारने लगा। मुझे मारने के बाद मेरी मां को आवाज देकर बोलने लगा की मैं मर जाऊंगा और घर से भागने लगा, तब मेरी मां समझा-बुझाकर शांत कराई और घर वापस ले आई। और सभी लोग घर में सो गये। सुबह 7 फरवरी को मां ने खाना बनाकर हम दोनों को खिलाया और मवेशियों को चराने जंगल चली गई और मैं लकड़ी लेने चली गई। उसी दौरान मृतक पटावदार घर में फांसी पर झूल गया।


मृत्यु उपरांत दफनाने की देता था सलाह:- 

युवती ने बताया कि मृतक जीवित अवस्था में मृत्यु उपरांत शव को न जलाने तथा जमीन में दफनाने की सलाह दिया करता था। बताया की मृतक कहा करता था की जब मैं मर जाऊं तो तुम मेरे शव को जलाना मत मैं मुस्लिम हूं, मेरे समुदाय में शव को जलाया नहीं मिट्टी में दफनाया जाता है। इसलिए एक छोटी सी कोठरी में गड्ढा खोदकर दफ़न कर दिया था।

समुदाय की जानकारी से शुरू हुआ विवाद:-


युवती ने बताया कि मृतक ने पहले अपने समुदाय का नाम छुपाते हुए आदिवासी बताया था। लेकिन कुछ दिनों बाद मुझे पता चल गया कि यह मुस्लिम समुदाय का है। जिसके बाद मैंने कई बार मना किया था कि तुम अब मेरे घर मत आना मुझसे जो गलती हुई तो हुई लेकिन अब और नहीं होगी तुम अपने जाति में शादी कर लेना और मैं अपनी जाति में शादी कर लूंगी। किन्तु मना करने के बावजूद मृतक मेरे घर में आता रहा है। और घर के काम खेती-बाड़ी आदि में मेरी मां का सहयोग करता था।

दो बार युवती कर चुकी है हैदराबाद की शैर:- 

युवती ने बताया कि मृतक हैदराबाद में ट्रक चलाया करता था। इन तीन वर्षों के दौरान मुझे दो बार हैदराबाद ले गया था और जगह बदलकर 15 दिन तक रखता था फिर वापस गांव में लाकर छोड़ देता था, खुद 15 दिन गांव में रुककर फिर हैदराबाद कहकर चला जाता था, और तीन माह बाद फिर वापस आ जाता था। इस बीच किसी से भी गोंड जाति के होने बात बताने का जिक्र किया करता था।


कटनी में हुई पहली मुलाकात:-

युवती ने बताया कि पहले फोन के माध्यम से चार माह तक बात हुई फिर मृतक द्वारा मुझे कटनी बुलाया जाने लगा। जिस पर मैंने कहा कि मेरे घर में मेरी बूढ़ी नानी और मां के अलावा कोई नहीं है। इसलिए मैं नहीं आ पांऊगी। लेकिन मृतक द्वारा लगातार कटनी आने का दबाव बनाया जाने लगा, और एक दिन ट्रेन से मैं कटनी पहुंच गई और वहीं मुलाकात हुई तथा वहीं से लेकर हैदराबाद चला गया। वहां 15 दिन रहने के बाद दोनों लोग वापस आ गये।



मां बेटी ने निकाला शव:-


प्रशासनिक अधिकारियों सहित परिजनों व सैकड़ों ग्रामीणों की उपस्थिति में   बेटी गड्ढे की मिट्टी निकालकर तगाड़ी में मां को पकड़ाती गई और मां मिट्टी फेंकती गई, मिट्टी निकलने के बाद मृतक के परिजनों ने चादर में लिपटे हुए शव को बाहर निकाला, मृतक के शरीर में भी कपड़े थे। अतःशव ज्यादा सड़ा हुआ नहीं था। किन्तु इतना सही भी नहीं है कि बिना पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मौत का कारण स्पष्ट हो सके। शव के साथ ही मृतक के अन्य कपड़े भी दफ़न कर दिये गये थे। उपस्थित जनसमुदाय ने मां बेटी के हिम्मत की तारीफ की लाश निकालते समय दोनों के चेहरों पर सिकन तक नजर नहीं आई।


परिजनों ने लगाया हत्या का आरोप:-

मृतक के परिजनों द्वारा जहां हत्या का आरोप लगाया जा रहा है। वहीं युवती और उसकी मां अभी भी अपने बयान पर कायम है।
 इनका कहना है कि युवक ने फांसी लगाकर जान दी है और युवती ने अकेले ही गड्ढा खोदकर और शव को घसीटकर दफना दिया है। इसमें किसी ने युवती का सहयोग नहीं किया है। फिलहाल यसडीओपी कुशमी अभिनव कुमार बांद्रे के मार्ग दर्शन पर पोड़ी चौकी प्रभारी आकांक्षा पाण्डेय के द्वारा मां बेटी से पूंछताछ की जा रही है। साथ ही हर पहलू पर कड़ी नजर रखी जा रही है। मृतक का टूटा हुआ मोबाइल फोन तथा सिम कार्ड भी युवती के घर से बरामद किया गया है।
        नायब तहसीलदार कुशमी, फोरेंसिक टीम व परिजनों तथा ग्रामीणों की उपस्थिति में शव को निकाला गया है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का कारण स्पष्ट हो पायेगा।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ