Chapter: 4 प्राथमिक शिक्षक (MPTET), (CTET) के लिए, विषय- बाल विकास शिक्षा शास्त्र
बाल विकास के सिद्धांत:-
बाल विकास को प्रभावित करने वाले कारक:-
(1) आंतरिक कारक, (2) बाह्य कारक।
(1) आंतरिक कारक:-
बाल विकास को आंतरिक कारक बहुत हद तक प्रभावित करते हैं।
(1)वंशानुगत कारक, (2) शारीरिक कारक, (3) बुद्धि कारक, (4) संवेगात्मक कारक , (5)सामाजिक प्रकृति कारक।
(1)वंशानुगत कारक :-
बालक के रंग,-रूप, आकार, शारीरिक ,गठन, ऊंचाई इत्यादि।
(2)शारीरिक कारक:-
जो बालक जन्म से ही दुबले- पतले ,कमजोर, बीमार, तथा किसी प्रकार की शारीरिक समस्या से पीड़ित हैं।
शारीरिक कमियों का स्वास्थ्य पर ही नहीं अपितु वृद्धि और विकास पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
(3)बुद्धि :-
बुद्धि को अधिगम की योग्यता, समायोजन योग्यता निर्णय लेने की क्षमता इत्यादि के रूप में परिभाषित किया जाता है।
जिस बालक के सीखने की गति तेज होती है। बालक अपने परिवार, समाज एवं विद्यालय में अपने आप को किस तरह से संबोधित करता है उसकी बुद्धि पर निर्भर करता है।
(4)संवेगात्मक कारक:-
बालक में जिस प्रकार के संवेगों भावों का जिस रूप में विकास होगा वह उसके सामाजिक , मानसिक, नैतिक, शारीरिक तथा भाषा संबंधी विकास को पूरी तरह प्रभावित करने की क्षमता रखता है।
(5) सामाजिक प्रकृति:-
बच्चा जितना अधिक सामाजिक रूप से संतुलित होना उसका प्रभाव उसके शारीरिक मानसिक संवेगात्मक भौतिक तथा भाषा संबंधी विकास पर प्रभाव पड़ता है ।
सामाजिक दृष्टि से कुशल बालक अपने वातावरण से दूसरों की अपेक्षा अधिक सीखता है।
(2)बाह्य कारक:-
◆गर्भावस्था के दौरान माता का स्वास्थ्य एवं परिवेश।
◆ जीवन की घटनाएं।
◆ भौतिक वातावरण।
◆ सामाजिक आर्थिक स्थिति।
◆गर्भावस्था के दौरान माता का स्वास्थ्य एवं परिवेश:-
गर्भावस्था में माता को अच्छा मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य बनाए रखने की सलाह इसलिए दी जाती है कि उसे न केवल गर्भ के अंदर बालक के विकास पर असर पड़ता है, बल्कि आगे की विकास की बुनियाद मजबूत होती है।
◆ जीवन घटनाएं:-
जीवन की घटनाओं का भी बालक के जीवन पर प्रभाव पड़ता है। यदि बालक के साथ अच्छा व्यवहार हुआ तो उसके विकास की गति सही होगा अन्यथा उसके विकास सतत गोल प्रभाव पड़ता है ।
जिस बच्चे को उसकी माता ने बचपन में छोड़ दिया हो तो वह मां के प्यार से वंचित हो जाएगा। ऐसी स्थिति में उसका सर्वांगीण विकास प्रभावित होता है।
◆ भौतिक वातावरण:-
बालक का जन्म किस परिवार में हुआ वह किस परिवेश में किन लोगों के साथ रहा है, इन सब का प्रभाव उसके विकास पर पड़ता है।
परिवेश की कमियों, प्रदूषण, भौतिक सुविधाओं का अभाव इत्यादि कारणों से भी बालक का विकास प्रतिकूल रूप से प्रभावित होता है।
◆सामाजिक आर्थिक स्थिति:-
बालक की सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति का प्रभाव भी उसके विकास पर पड़ता है ।
अच्छे विद्यालय में पढ़ने सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेने इत्यादि का अवसर आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को नहीं मिलता है ।इसके कारण भी बच्चे की सामाजिक आर्थिक स्थिति में प्रभाव पड़ सकता है ।
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