रबी फसलों के उपार्जन, भंडारण की तैयारियाँ पहले से ही हो सुनिश्चित - मुख्यमंत्री_________
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने धान उपार्जन की प्रगति एवं रबी उपार्जन की तैयारियों की समीक्षा की___
भोपाल।
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा है कि छोटे दानों का खाद्यान्न उत्पादन और उपयोग बढ़ाने के लिए मिलेट मिशन कार्पोरेशन बनाया जाए। मुख्यमंत्री ने सभी किसानों से उत्पादित धान उपार्जन 20 जनवरी तक सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही भुगतान भी समय पर करने को कहा है। आगामी रबी फसलों के उपार्जन, भंडारण की तैयारियाँ पूर्व में ही करने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने विकेन्द्रीयकृत उपार्जन के लिए भारत सरकार से शीघ्र एमओयू करने को कहा है। श्री नाथ आज मंत्रालय में धान उपार्जन की प्रगति एवं रबी फसलों की उपार्जन की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में सहकारिता मंत्री डॉ. गोविन्द सिंह, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री श्री सचिन यादव उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी कलेक्टरों को निर्देशित किया जाए कि उपार्जन के दौरान धान और चावल अन्य राज्यों से प्रदेश में ना आए इस पर कड़ी चौकसी रखी जाए। आगामी रबी फसलों के उत्पादन उपार्जन के लिए मुख्यमंत्री ने पूर्व से ही उपार्जन केन्द्रों का आकलन कर व्यवस्था करने के निर्देश दिए है। उपार्जन के एजेन्सियों की जवाबदेही भी तय करने को कहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उपार्जित गेहूँ के परिवहन पर कम व्यय हो और किसानों की सुविधा को दृष्टि में रखते हुए अधिक से अधिक उपार्जन केन्द्र स्थापित करने का एक माह के अंदर निर्धारण जिला सरकार के परामर्श से किया जाए। उपार्जन केन्द्रों पर किसानों को केन्टीन आदि की आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध हों, इसके लिए व्यय होने वाली राशि का प्रस्ताव बनाया जाए। मुख्यमंत्री ने उपार्जन केन्द्रों में किसानों के कल्याण के लिए शासन द्वारा चलायी जा रही योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार करने की योजना बनाने को कहा।
श्री नाथ ने उपार्जित खाद्यान्न का भंडारण और पैकिंग व्यवस्था के संबंध में कहा कि अभी से ही निजी क्षेत्र और सहकारी समितियों द्वारा निर्मित गोदामों की जानकारी कलेक्टरों से प्राप्त की जाए। गोदामों की क्षमता पूर्ण होने पर केप एवं सायलो निर्माण के लिए भूमि का चयन कर उन्हें आरक्षित करने के निर्देश कलेक्टरों को दिए जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य में उपार्जन केन्द्रों और उचित मूल्य दुकानों के लिए गोदाम और अन्य सुविधाओं को विकसित करने की योजना बनायी जाए। बारदानों की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता एवं अन्य विकल्पों के संबंध में भी पूरी तैयारी करने को कहा। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि उपार्जन निगरानी की जवाबदेही जिला कलेक्टरों की होगी। उपार्जन में अनियमितता करने वाली संस्थाओं पर कठोर कार्रवाई की जाए और उन्हें उपार्जन कार्य से तत्काल पृथक किया जाए।
मुख्यमंत्री ने समर्थन मूल्य पर उपार्जित ज्वार एवं बाजरा का वितरण सार्वजिक वितरण प्रणाली की उचित मूल्यों की दुकानों से करने के निर्देश दिए।
बैठक में प्रमुख सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति श्रीमती नीलम शमी राव ने जानकारी देते हुए बताया कि धान उपार्जन प्रक्रिया में अभी तक किसानों को 703 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है। इस वर्ष गेहूँ के रकबे में 23 लाख हेक्टेयर की वृद्धि हुई है। लगभग 95 से 105 लाख मेट्रिक टन गेहूँ का उपार्जन अनुमानित है। गेहूँ, चना, मसूर एवं सरसों की 108 लाख उत्पादन का उपार्जन अनुमानित है। बैठक में उपार्जन केन्द्र, भंडारण, बारदानों की व्यवस्था, परिवहन आदि के संबंध में की गई तैयारियों की जानकारी दी गई।
बैठक में मुख्य सचिव श्री एस.आर. मोहन्ती, अपर मुख्य सचिव वित्त श्री अनुराग जैन, प्रमुख सचिव सहकारिता एवं किसान कल्याण एवं कृषि विकास श्री अजीत केसरी उपस्थित थे।
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