फर्जी प्रमाणपत्र से नौकरी करने वाले नौ शिक्षकों को किया गया बर्खास्त

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फर्जी प्रमाणपत्र से नौकरी करने वाले नौ शिक्षकों को किया गया बर्खास्त



फर्जी प्रमाणपत्र से नौकरी करने वाले नौ शिक्षकों को किया गया बर्खास्त


उत्तरप्रदेश।
इटावा में शिक्षक पात्रता परीक्षा वर्ष 2011 के फर्जी अंकपत्र के सहारे परिषदीय विद्यालयों में नौकरी करने वालों पर अब कार्रवाई शुरू हो गई है। शासन के आदेश पर गठित की गई जांच समिति ने जिले में तैनात 9 शिक्षकों को सेवा से बर्खास्त कर दिया है। बर्खास्तगी के दायरे में आने वाले एक शिक्षक विकास यादव प्रावि छिरियाहार की वर्ष 2018 में मौत हो चुकी है।

बीएसए ने 9 शिक्षकों की बर्खास्तगी आदेश भी जांच समिति के पास भेज दिया है। वर्ष 2012 के बाद जिले में नियुक्त किए गए शिक्षकों की शासन से जांच कराई जा रही है। इसमें दो प्रकार की जांच कराई जा रही है। एक तो वे शिक्षक हैं जो आगरा विश्वविद्यालय से वर्ष 2005 में बीएड प्रशिक्षण के आधार पर नौकरी कर रहे हैं।

दूसरे वे जिन्होंने वर्ष 2011 का टीईटी उत्तीर्ण प्रमाण पत्र संलग्न किया है। टीईटी उत्तीर्ण शिक्षकों की जांच शासनादेश संख्या 1205(2) / 68-1-18-10(67)/2018 दिनांक 20 जुलाई 2018 के अनुसार गठित की गई समिति कर रही है।

इस समिति में एडीएम, एएसपी, एडीबेसिक कानुपर को शामिल किया गया है। जांच समिति ने टीईटी 2011 के प्रमाणपत्रों की आनलाइन एवं ऑफलाइन दोनों तरह से जांच कराई गई है। इस प्रकरण मेें कुल 49 शिक्षकों की नियुक्ति हुई है।
जिनके प्रमाणपत्रों की जांच कराई गई। इसमें 9 शिक्षकों के प्रमाणपत्रों में त्रुटियां पाई गई। तीन सदस्यीय समिति की 29 नवंबर 2019 को हुई बैठक में सभी 9 शिक्षकों को बर्खास्त करने का निर्णय लिया गया।

इसके बाद बीएसए अजय कुमार सिंह ने जिले में तैनात 9 शिक्षकों को सेवा से बर्खास्त करने का आदेश जारी कर दिया। बर्खास्त होने वाले शिक्षकों में आकाश कुमार प्रा.वि. भोया, अरविंद कुमार प्रा.वि. गता, धर्वेंद्र सिंह प्रा.वि. बिहार, रत्नेश कुमार प्रा.वि. बिठौली, संदीप सिह प्रा.वि. छिबरौली, पूनम कुमारी प्रा.वि. नगला सेवा, सुनील यादव प्रा.वि. सिंडौस, विजय यादव प्रा.वि. विंडवाकला, योगेंद्र यादव प्रा.वि. सोने का पुरा शिक्षक शामिल हैं।

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