प्रस्तावित नई शिक्षा नीति को लेकर सरकार कर सकती है बड़ा कोई ऐलान
नई दिल्ली।
बजट में इस बार शिक्षा के क्षेत्र को मजबूती देने वाले कुछ बड़े ऐलान हो सकते है। वैसे भी नई शिक्षा नीति के जरिए इसे मजबूती देने का पूरा ड्राफ्ट तैयार है, हालांकि अभी इसकी अधिकारिक घोषणा होना बाकी है, लेकिन इसके अमल को लेकर सरकार को एक बड़ी पूंजी की जरूरत होगी। ऐसे में सरकार इसके लिए एक पैकेज जैसा कुछ ऐलान कर सकती है। फिलहाल मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने भी इसे लेकर वित्त मंत्रालय को अपनी राय दी है।
वैसे भी पिछले सालों में सरकार का जोर शिक्षा के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने पर दिखा था। ऐसे में माना जा रहा है कि बजट में अब शिक्षा को लेकर जो भी प्रावधान होगा, वह नई शिक्षा नीति को ध्यान रखते हुए ही होगा। स्कूली शिक्षा पर उच्च शिक्षा में विशेष दर्जा दिया जाएगा। जिसमें विश्वविद्यालय, तकनीकी संस्थान, प्रबंधन संस्थान और टीचर एजुकेशन जैसे क्षेत्रों में बंटी पूरी उच्च शिक्षा को एक दायरे में लाया जा सकता है। दो साल पहले प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक जैसे स्कूली शिक्षा को एक साथ जोड़कर समग्र शिक्षा के दायरे में लाया गया था।
इतने खर्चे की पड़ेगी जरूरत:-
सूत्रों के मुताबिक प्रस्तावित नई शिक्षा नीति के अमल का फिलहाल जो ड्राफ्ट तैयार किया गया है, उसके तहत अगले पांच सालों में उसे पूरी तरह से लागू करने की सिफारिश की गई है। ऐसे में इस बदलाव के लिए सरकार को भारी भरकम बजट की भी जरूरत होगी।मौजूदा समय में शिक्षा का जो बजट है, उनमें प्रस्तावित नई शिक्षा नीति की सिफारिशों को लागू करना संभव नहीं है। मौजूदा समय में देश में शिक्षा का कुल बजट करीब 94 हजार करोड़ है। इनमें स्कूली शिक्षा के लिए करीब 56 हजार करोड़ और उच्च शिक्षा के लिए करीब 38 हजार करोड़ का प्रावधान किया गया है।
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