संविदा कर्मी शासन को लगा रहे चुना, नहीं जमा किया बरसों से भवनों का किराया
मझौली :--सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मझौली में आधा दर्जन संविदा कर्मी शासकीय बने एफ टाइप के भवनों में जहां अपना निवास बना रखा है वही बरसों से किराया के नाम पर फूटी कौड़ी तक जमा नहीं किया गया ऐसा कर शासन को लाखों की चपत लगाई गई है।
उल्लेखनीय है कि एफ टाइप के बने आवासीय कमरे नियमित कर्मचारियों के लिए स्वीकृत किए जाते हैं अगर उसमें संविदा कर्मी निवास बनाते हैं तो उन्हें नियमित प्रतिमाह निर्धारित किराया की राशि जमा करना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं कर शासन की आंखों में धूल झोंका जा रहा है जो बिना वरिष्ठ अधिकारी के संरक्षण में संभव नहीं है।इतने गंभीर मामले में भी जिम्मेदार मूकदर्शक बने हुए हैं।
पोषण एवं पुनर्वास केंद्र का भी बुरा हाल :--ग्रामीण क्षेत्र के तमाम 0से 3 वर्ष तक के कुपोषित बच्चों का कुपोषण दूर करने और उन्हें स्वस्थ करने के उद्देश्य से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मझौली में कहने को तो पोषण और पुनर्वास केंद्र संचालित किया गया है पर अंदर खाने में देखा जाए तो यहां पूरी योजना ही कमीशन खोरी व भ्रष्टाचार की दलदल में फंसी दिखाई देती है। सूत्रों की मानें तो यहां बच्चों को दिए जाने वाले पौष्टिक आहार जैसे दूध, फल,जूस इतिहास की खरीदी तो होती है किंतु यह सामग्री पोषण पुनर्वास केंद्र न पहुंचकर बिचौलियों तक ही सीमित रह जाती है और हितग्राही बच्चों को इस योजना का लाभ महज कागजों में दिखाकर खानापूर्ति की जाती है जो सबसे बड़ा सवाल खड़ा करता है।इस मामले में भी जिम्मेवार अपने को असहाय महसूस करते हुए किसी तरह की कार्रवाई करने की जहमत नहीं उठा सके हैं जिसके चलते योजना पूरी तरह से विफल और कागजी होकर रह गई है।
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