शासकीय शालाओं में 11 जनवरी को आयोजित होगी शिक्षक-अभिभावक बैठक
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शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार के लिए होगी चर्चा
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सीधी।
शासकीय शालाओं में अभिभावकों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए अभिभावकों के साथ शिक्षकों की नियमित बैठक का आयोजन आवश्यक है। बैठक का उद्देश्य अभिभावकों को उनके बच्चों के शैक्षणिक स्तर की जानकारी प्रदान करना, शाला के अकादमिक मुददों से अवगत कराते हुये सुझाव प्राप्त करना तथा विद्यार्थियों को प्रेरित कर उनके शैक्षिक स्तर मे सुधार हेतु अभिभावकों को जागरूक करना है। अर्धवार्षिक परीक्षा संपन्न हो चुकी है तथा परीक्षा परिणाम जारी हो चुके हैं।शासन के निर्देशानुसार प्रदेश के सभी शासकीय शालाओं मे शिक्षक-अभिभावक बैठक दिनांक 11.01.2020 को आयोजित की जायेगी।
जारी निर्देशानुसार बोर्ड परीक्षा सन्निकट होने को दृष्टिगत रखते हुए कक्षा 10वीं एवं 12वीं के विद्यार्थियों एवं अभिभावकों को इस आयोजन से मुक्त रखा जाएगा। बैठक की सूचना विद्यार्थियों के माध्यम से अभिभावकों को भिजवाई जायेगी। बैठक मे प्रत्येक अभिभावक से चर्चा की जावेगी। बैठक मे विद्यार्थियों की अकादमिक प्रगति के संबंध में चर्चा की जायेगी।
विद्यार्थीवार रिपोर्ट कार्ड तैयार करके रखा जाएगा। बैठक से पूर्व सभी विद्यार्थियों को अर्द्धवार्षिक परीक्षा/दक्षता उन्नयन/ प्रतिभा पर्व की काॅपियों अभिभावकों को दिखाई जायेगी। बैठक के आरंभ होने से पूर्व प्रत्येक विद्यार्थी की सभी विषयों की काॅपियों के सेट बनाकर कक्षा में रोल नंबर लिखकर निर्धारित स्थान पर रखी जाएंगी ताकि अभिभावक आकर सीधे उसी स्थान पर बैठकर काॅपी देख सके। काॅपी देखने के बाद वे संबंधित शिक्षकों से चर्चा करेंगे। शिक्षक विद्यार्थियो की काॅपियों का परीक्षण कर यह भी देखेंगें कि विद्यार्थी किन अवधारणाओं को ठीक से समझ नहीं पाए है, उन विद्यार्थियों को प्री बोर्ड के पहले समझाया जाएगा। अर्द्धवार्षिक परीक्षा/ दक्षता उन्नयन/प्रतिभा पर्व के परिणाम की जानकारी देकर विद्यार्थी को किन विषयों मे अभ्यास की आवश्यकता अधिक है, के संबंध मे माता-पिता को जानकारी दी जायेगी। विद्यार्थी की उपस्थिति से अवगत कराना, यदि विद्यार्थी अनियमित है तो कारण जानना एवं अभिभावक एवं विद्यार्थी को नियमित उपस्थिति हेतु प्रेरित करना। विद्यार्थी की शैक्षणिक/गैर शैक्षणिक गतिविधियों मे रूचि कक्षा मे प्रश्न पूछने/ उत्तर देने की तत्परता आदि के संबंध मे भी पालकों को बताया जायेगा।
अभिभावकों को निदानात्मक (रेमेडियल) कक्षाओं की जानकारी दी जायेगी। विद्यार्थी की आदतों, व्यवहार, कक्षा में अध्ययन इत्यादि पर ध्यान देने संबंधी चर्चा की जायेगी। शिक्षक अभिभावकों से उनके बच्चों की विशेषताओं का उल्लेख करें ताकि बच्चें प्रेरित हो सकें। कमियों के सुधार के लिए सुझाव दें।
कक्षा शिक्षक द्वारा अभिभावकों को उस विषय के शिक्षक के पास परामर्श हेतु भेजा जायेगा जिस विषय में विद्यार्थी की दक्षता में सुधार की आवश्यकता हो। संबंधित शिक्षक द्वारा अभिभावकों को गाईड किया जायेगा कि वे अपने बच्चों की पढ़ाई को किस तरह से माॅनिट करें। कक्षा शिक्षक द्वारा प्रत्येक बैठक का रिकार्ड रखा जायेगा। प्राचार्य/प्रधानाध्यापक/संस्था प्रमुख भी अभिभावकों से चर्चा हेतु उपलब्ध करायेगें। अभिभावकों की सामुदायिक सहभागिता से विद्यालय की माॅनिटरिंग करने के लिए प्रेरित करेंगें। ताकि शिक्षण व्यवस्था पर अभिभावक नजर रख सकें। प्राचार्य/प्रधानाध्यापक/संस्था प्रमुख भी ऐसे कुछ अभिभावकों से मिलेंगे जिनके बच्चों का परिणाम बहुत अच्छा रहा है तथा कुछ ऐसे अभिभावक जिनके बच्चों का परीक्षा परिणाम बेहतर नहीं है। इसके अतिरिक्त कोई भी अभिभावक मिलना चाहें तो उससे प्राचार्य आवश्यक रूप से मिलें।
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