बरकतुल्ला विश्वविद्यालय के परीक्षा की उत्तर पुस्तिका में जाति पूछने पर मचा हड़कंप
भोपाल।
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित बरकतुल्ला विश्वविद्यालयों में सेमेस्टर परीक्षा की उत्तर पुस्तिका में छात्रों के जाति पूछी गई । अभी माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय का मामला शांत नहीं हुआ था कि अब बरकतुल्ला विश्वविद्यालय में भी मामला गरमाने लगा। राजधानी भोपाल के विश्वविद्यालयों में जातिवाद की राजनीति को प्रोत्साहन दिया जाने लगा है। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय में 2 संविदा शिक्षकों को जातिवाद की राजनीति के लिए खुली छूट दी गई है,जिस पर माखनलाल विश्वविद्यालय के संविदा शिक्षक द्वारा जाति पर टिप्पणी की गई थी, वही दूसरी तरफ बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में भी जातिवाद शुरू हो गया है। यूनिवर्सिटी में प्रथम सेमेस्टर परीक्षा के दौरान परीक्षार्थियों से उत्तर पुस्तिका पर उनकी जातियां दर्ज कराई गई। जबकि उत्तर पुस्तिका के ऊपर परीक्षार्थी का नाम या जाति लिखवाना गैरकानूनी है।
लॉ डिपार्टमेंट की परीक्षाओं में पूछी जातियां
बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी के सूत्रों ने बताया कि पिछले दिनों यूनिवर्सिटी के विभाग में आयोजित सेमेस्टर परीक्षा में उत्तर पुस्तिका के पहले पेज पर परीक्षार्थियों से उनका नाम, पिता का नाम, सरनेम (जातियां) भरवाई गई। बता दें कि किसी भी प्रकार की परीक्षा में उत्तर पुस्तिका में परीक्षार्थी की पहचान उजागर करने वाली जानकारी नहीं ली जाती । उत्तर पुस्तिका में जातियों को दर्ज कराने का सिर्फ एक ही उद्देश्य हो सकता है। परीक्षा परिणाम जातिवाद के आधार पर तैयार किए जाएंगे।
जातिवाद फैलाने वाले से उच्च शिक्षा मंत्री का कनेक्शन
बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी के सूत्रों का कहना है कि यूनिवर्सिटी में जातिवाद फैलाने वाली प्रोफेसरों का उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी से सीधा कनेक्शन है। 15 अगस्त 2019 को जीतू पटवारी ने यूनिवर्सिटी में आयोजित एक कार्यक्रम में स्पष्ट संकेत दिए थे कि कौन-कौन से प्रोफेसर उनके नजदीकी है। अब वही प्रोफेसर यूनिवर्सिटी में छात्रों की जातियों के आधार पर सूचियां बना रहे हैं।बताया जा रहा है कि जीतू पटवारी के दौरे के बाद बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के हालात बदल गए हैं।
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