इंदौर - रीवा स्लीपर कोच नफीस बस में सवार शिक्षक की संदिग्ध मौत
भोपाल।
नफीस कंपनी की बस इंदौर से रीवा जा रही स्लीपर में भोपाल से सवार हुए एक शिक्षक की चलती बस में संदिग्ध मौत हो जाने से हड़कम्प मच गया। बस में भोपाल से शाहगढ़ तक मृत शिक्षक के साथ एक मित्र सवार थे। तब तक सब कुछ सामान्य था। बड़ामलहरा में जब उनकी तलाश की गई तो स्लीपर पर पड़ा हुआ शव मिला।
पढ़िए पूरी घटना
प्राप्त जानकारी के अनुसार शासकीय प्राइमरी स्कूल बरेठी में पदस्थ खिरकुआं निवासी शिक्षक श्याम लाल पिता शिवदीन यादव 56 वर्ष 17 दिसंबर की शाम 5 बजे अपनी अल्टो कार से भोपाल गए थे। उनके साथ रजपुरा निवासी वीरेंद्र यादव भी गया था। शाहगढ़ में कार खराब हो जाने के कारण उसे मिस्त्री के यहां खड़ा करके वह भोपाल चले गए। भोपाल से 18 तारीख को नफीस कंपनी की रीवा इंदौर बस एमपी 19 पी 1285 पर 10-11 नंबर की डबल स्लीपर बर्थ बुक कर वह वापस खिरकुआं के लिए रवाना हुए। शिक्षक के साथी वीरेंद्र यादव ने उनके पुत्र अमर यादव को फोन पर पूछा कि बस बरेठी तिगड्डा पहुंच गई होगी। पिता जी को उतार लिया की नहीं। जब अमर बस स्टैंड पहुंचा तब तक बस स्टैंड से निकल गई थी। इसके बाद वह बड़ामलहरा पहुंचे। तब तक बस आगे निकल गई थी। उसने बस बुकिंग बाबू रामस्वरूप नामदेव से पूछा और बस के कंडक्टर फोन लगाया। इस पर कंडेक्टर ने जब देखा तो शिक्षक श्याम लाल बस की बर्थ पर मृत अवस्था में पड़े थे। कंडेक्टर ने बस बड़ामलहरा थाने में खड़ी कर दी।
शिक्षक के साथी वीरेंद्र यादव के अनुसार वह मारुति अल्टो कार को उठाने के लिए बस से शाहगढ़ में उतर गया था। जब वह बस से उतरा तो शिक्षक स्वस्थ थे। बड़ामलहरा पुलिस ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में शव का पीएम कराया। बताया गया कि शिक्षक के शव के साथ जो बैग मिला उसमें 3 लाख 8 हजार रुपए की चैक व पास बुक मिली है। साथ ही अन्य दस्तावेज भी मिले हैं।
गले में नाखून के निशान
शिक्षक के गले में नाखूनों के निशान देखे गए हैं। इसलिए पूरा मामला संदिग्ध लग रहा है। बड़ामलहरा थाना प्रभारी एसके दुबे ने बताया कि हमने शव का पीएम कराकर परिजनों को सौंप दिया है। वहीं प्रकरण दर्ज कर केस शाहगढ़ पुलिस को सौंप दिया जाएगा। आगे की कार्रवाई शाहगढ़ पुलिस करेगी।
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