इस पेड़ की पत्तियों से जुड़ सकती है हड्डियां , जानिए इसका कैसे करें उपचार
ऑस्टियोपोरोसिस जैसे हड्डी रोगों के उपचार के साथ-साथ टूटी हड्डियों को तेजी से जोड़ने में शीशम का पत्ता मदद करेगा। तकनीक विकास के लिए केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान (सीडीआरआई),लखनऊ के शोधकर्ताओं को स्टेम इंपैक्ट पुरस्कार प्रदान किया गया है।
सीडीआरआई के वैज्ञानिकों को यह पुरस्कार जैविक रूप से सक्रिय शीशम जिसको डलबर्जिया सिस्सू भी कहा जाता है। इसकी पत्तियों के अर्क पर आधारित फॉर्मूला विकसित करने के लिए दिया गया है ,जो हड्डियों से संबंधित रोगों के उपचार में प्रभावी पाया गया है। सिंथेटिक केमिस्ट्री में कई शोधों के बावजूद टूटी हड्डियों को जोड़ने की प्रभावी दवा नहीं खोजी जा सकी है। इस लिहाज से सीडीआरआई की यह खोज महत्वपूर्ण है मानी जा रही है।
आपको बता दें कि शीशम एक पेड़ होता है जो कि यह जंगलों में या फिर घरों के आस - पास भी उपलब्ध हो सकता है।
इस अध्ययन से जुड़े सीडीआरआई के शोधकर्ता डॉ राकेश मौर्य के अनुसार “शीशम की पत्तियों में पाए जाने वाले हड्डी के गठन से संबंधित गुणों के कारण इस शोध में उसका चयन किया गया है। शीशम की पत्तियों में फ्लैवोनॉयड और ग्लाइकोसाइड पाए जाते हैं, जिन्हें उनके हड्डियों के गठन से जुड़े गुणों के लिए जाना जाता है। इस शोध से स्पष्ट हुआ है कि शीशम की पत्तियों के अर्क में ऐसे जैविक रूप से सक्रिय तत्व हैं जो हड्डियों को जोड़ने और हड्डी रोगों के उपचार में उपयोगी हो सकते हैं।”
हालांकि हड्डी में किसी प्रकार की परेशानी हो तो डॉक्टरी सलाह लेना जरूरी है।
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