जानिए क्या है ? नागरिकता संशोधन बिल, इससे जुड़ी कुछ अहम बातें......

Ticker

6/recent/ticker-posts

Header Ads Widget

जानिए क्या है ? नागरिकता संशोधन बिल, इससे जुड़ी कुछ अहम बातें......




जानिए क्या है ? नागरिकता संशोधन बिल, इससे जुड़ी कुछ अहम बातें......

नागरिकता संशोधन विधेयक लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी मंजूरी मिल गई थी ,राष्ट्रपति नागरिकता संशोधन विधेयक कानून पर मुहर लगा दी है। संसद में नागरिकता संशोधन विधेयक को मंजूरी दी, जिसमें अफगानिस्तान ,बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत आए हिंदू ,सिख, बौद्ध, जैन ,पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है।

नागरिकता संशोधन बिल की कुछ अहम बातें ....

(1) नागरिक संसोधन बिल के कानून बनने से पाकिस्तान , अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक उत्पीड़न के कारण वहां से भाग कर आए हिंदू, ईसाई, सिख ,पारसी ,जैन और बौद्ध धर्म को मानने वाले CAB(citizenship Amendment Bill) के तहत भारत की नागरिकता दी जाएगी।

(2) ऐसे अवैध प्रवासी जो 31 दिसंबर 2014 की निर्णायक तारीख तक भारत में प्रवेश कर चुका है ,वे नागरिकता के लिए सरकार के पास आवेदन कर सकते हैं।

(3)भारतीय नागरिकता लेने के लिए 11 साल भारत में रहना अनिवार्य है। नए बिल में प्रावधान है कि पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यक अगर 5 साल भी भारत में रहते हैं तो उन्हें नागरिकता दी जा सकती है।

(4)यह भी व्यवस्था की गई है कि उनके विस्थापन या देश में अवैध निवास को लेकर उन पर पहले से चल रही कोई भी कानूनी कार्यवाही स्थाई नागरिकता के लिए उनकी पात्रता को प्रभावित नहीं करेगी।

(5) ओसीआई कार्ड धारक यदि शर्तों का उल्लंघन करते हैं तो उनका कार्ड बंद करने का अधिकार केंद्र को रहेगा।

(6)बिल के प्रावधान के मुताबिक पाकिस्तान ,अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आने वाली मुसलमानों की नागरिकता नहीं दी जाएगी।

(7)देश के पूर्वोत्तर राज्य से लगे देश बांग्लादेश से बड़ी तादात में आए हिंदुओं को नागरिकता प्रदान की जा सकती है।

(8)भारत के मुसलमान भारतीय नागरिक थे और बने रहेंगे।

 क्या नागरिकता संशोधन बिल..........

नागरिकता संशोधन बिल नागरिकता अधिनियम 1955 के प्रावधानों को बदलने के लिए पेश किया जा रहा है जिससे नागरिकता प्रदान करने से संबंधित नियमों में बदलाव होगा नागरिकता बिल में इस संशोधन से बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए हिंदुओं के साथ ही सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाइयों के लिए बगैर वैध दस्तावेजों के भी भारतीय नागरिकता हासिल करने का रास्ता साफ हो जाएगा।

गृह मंत्रालय ने छत्तीसगढ़, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा 5 और 6 के तहत प्रवासियों को नागरिकता और प्राकृतिक प्रमाण पत्र प्रदान करने के लिए कलेक्टर को शक्तियां दी गई है ,पिछले ही वर्ष गृह मंत्रालय ने नागरिकता नियम 2009 की अनुसूची 1 में बदलाव किया गया था।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ