कृत्रिम पैर एवं बैशाखी मिलने से शिवदयाल की राह हुई आसान
सीधी।
सीधी जिले के ग्राम डिहुली तहसील चुरहट के 41 वर्षीय शिवदयाल विश्वकर्मा पिता रामावतार विश्वकर्मा एक ट्रक ड्राइवर थे। वे भोपाल और इन्दौर के मध्य ट्रक चलाकर अपने परिवार का भरण पोषण करते थे। जीवन में सब अच्छा चल रहा था लेकिन 2004 में भोपाल में ही उनके ट्रक की दूसरे ट्रक के साथ भिडंत हो गयी जिससे उनके दाहिने पैर में गहरी चोट आयी और दवा के दौरान उनका दाहिना पैर कटवाना पड़ा। अब उन्हे सहारे की आवश्यकता थी। उन्हे कहीं भी आने-जाने में कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा था। उनकी आर्थिक स्थित भी कमजोर हो गई है जिससे वे कृत्रिम पैर व वैशाखी खरीदनें मे असमर्थ थे।
ऐसे कठिन समय में शासन की एडिप योजना शिवदयाल के जीवन में नई रोशनी लेकर आयी।भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण विभाग जबलपुर के सौजन्य से एडिप योजना के अन्तर्गत जनपद पंचायतवार सर्वे कर दिव्यांगजनों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया तथा उन्हें सहायक उपकरणों के लिए चिंहांकित किया गया। कलेक्टर रवीन्द्र कुमार चौधरी के निर्देशन विगत दिवस कार्यक्रमों का आयोजन कर जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में दिव्यांगजनों को सहायक उपकरण वितरित किए गए।
ऐसे ही जनपद पंचायत सीधी में आयोजित कार्यक्रम में शिवदयाल को कृत्रिम पैर एवं बैशाखी प्रदान किए गए। कृत्रिम पैर एवं बैशाखी मिलने से शिवदयाल विश्वकर्मा बहुत खुश हैं। वे कहते हैं कि इन उपकरणों के मिलने से बहुत बड़ा सहारा हो गया है। अब उन्हें कहीं भी आने जाने में किसी भी प्रकार की कोई कठिनाई नहीं होगी। वे पुनः आत्मनिर्भर होकर अपने परिवार से लिए सहारा बनेंगे। उन्होंने शासन और प्रशासन का आभार व्यक्त किया है।
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